पाठकों के लेख एवं विचार

Bye bye 2023:अलविदा 2023 *अच्छे-बुरे एहसास रहे, कुछ छोड़ गए कुछ साथ रहे*

 

1 Tct

अच्छे-बुरे एहसास रहे, कुछ छोड़ गए कुछ साथ रहे!

Tct chief editor

शुक्रिया है उनका भी जो बदल गए, खुश रहें जो साये की तरह साथ रहे।
2024 वर्ष जूता पहन कर रेडी हो चुका है अपने गंतव्य की ओर निकलने के लिये और 2023 खुद को इतिहास में दर्ज करवा देगा । एक बड़ा जख्म दे गया है साल जो शायद ही भरे कभी..वक़्त पर छोड़ते हैं उसे..थोड़ा पीछे देखें तो 2020 से 2022 वर्ष ने बहुत कुछ दिया है बहुत सी सीखें और सबसे बेहतरीन तो यही था कुछ सीमित अभिलाषाएं जो पूरी होतीं रहें, और जीने के लिये बस दाल रोटी ही पर्याप्त है, जिंदगी बस अपनोँ तक सीमित है इसके अलावा न आपको किसी की पड़ी है और न ही किसी को आपकी..तो फालतू टांग अड़ाना बेकार है। बहुत से भरम मिटा दिये पिछले दो सालों ने नुकसान तो इस साल भी बहुत हुआ…पहले घरों में कैद रहे इस साल कुछ घरों से बे घर हो गए कुछ सालों से व्यापार हो या नौकरी या फिऱ छात्र जीवन , हर दर्जे के व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो रहा है…,फिऱ भी ज़िन्दगी डटी रही लड़ती रही क़भी कोरोना से तो क़भी उसके पैदा किये हुए हालतों से, कभी प्राकृतिक आपदा से और ये लड़ाई अलग अलग रूप मे अनवरत जारी रहने वाली है या नहीं इसका कोई पता नहीं है।
आज आज़ादी देने का मन कर रहा उन्हें जिन्होंने मेरा दिल दुखाया या मैंने उनका । पिछले जख्म भूलकर आगे बढ़ना है।
ज़िन्दगी में सारे दर्द सहन किये जा सकते हैं बस कोई अनाथ न हो न किसी के सर से माँ-बाप का साये उठे। क्योंकि बाप के बाद मजबूत कंधा नहीं मिलता और माँ के बाद दुलार नहीं फिर चाहे बाकी रिश्तों से हम कितना भी घिरे हुए रहें।
शहीदों को नमन और जिन्होंने देश का नाम किसी भी तरह रोशन किया उनको भी!
खुद को बेहतर बनाने के प्रयास करें और जलन द्वेष से दूर रहें।मानव तन मिला है फिऱ एक नई उम्मीद पैदा होगी,फिऱ हम उड़ान भरेगें, सफलता और असफलता सब विधि के हाथों में ही रही है, सो” हिम्मत न हारिये बिसारिये न राम” वाली पंक्ति को याद रखिये और आने वाले साल का भी पुर जोर से स्वागत है।
इस उमीद के साथ कि कुछ छिनना मत अब… खोने की ताकत नहीं रही है अब..

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