HimachalKullu /lahul /KinnaurMandi/ Palampur/ Dharamshala

CSIR IHBT: *15 से 19 जनवरी तक न्यूट्रास्युटिकल डिलिवरी सिस्टम पर होगा सेमिनार*

 

1 Tct

CSIR IHBT: *15 से 19 जनवरी तक न्यूट्रास्युटिकल डिलिवरी सिस्टम पर होगा सेमिनार*

Tct chief editor

सीएसआईआर-आईएचबीटी में 15 से 19 जनवरी 2024 के दौरान न्यूट्रास्युटिकल डिलिवरी सिस्टम पर उन्नत उद्यमिता और कौशल विकास विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डॉ. अमूल्य के पांडा, पूर्व निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली और एसोसिएट डायरेक्टर पैनेशिया बायोटेक ने ‘’जैवप्रौद्योगिकी आधारित न्यूट्रास्यूटिकल्स और सहायक पदार्थों में नवाचार अंतरण’’ विषय पर अपने व्‍याख्‍यान में कहा की न्यूट्रास्युटिकल के क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं। आवश्‍यकता है कि प्रयोगशाला में विकसित न्यूट्रास्युटिकल उत्‍पादों को जन सामान्‍य तक पहुंचाने के लिए उद्यमियों के साथ मिलकर प्रयास किए जाएँ । उन्होने “इम्यून फ़िटनेस” पर विशेष बल डाला तथा प्रतिभागियों को नवीनतम शोध, नवोन्‍मेष एवं उद्यमिता विकास के लिए भी प्रेरित किया।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डा. सुदेश कुमार यादव ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि संस्थान न्यूट्रास्यूटिकल्स के क्षेत्र में अग्रणी शोध कर रहा है तथा इनके उत्पादन एवं प्रसंस्करण में भी अग्रिम भूमिका निभा रहा है। सीएसआईआर-आईएचबीटी ने हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य लाभकारी न्यूट्रास्यूटिकल्स की एक श्रृंखला विकसित की है और उन्हें उद्यमियों को हस्तांतरित किया है। जिनमें कार्टिलेज स्वास्थ्य के लिए न्यूट्रास्युटिकल फॉर्म्युलेशन, रेडी टू ईट खाद्य पदार्थों के लिए कैनिंग प्रौद्योगिकी, रेडी टू ईट क्रिस्पी फ्रूट और सब्जियां, बक्कवीट से ग्लुटिन मुक्त खाद्य पदार्थ, आयरन और जिंक से समृद्ध स्पिरूलिना आधारित बार एवं कैंडीज, मल्टीग्रेन हाई प्रोटीन मिक्स तथा प्रोटीन और फाइबर समृद्ध बार जैसे कई उत्‍पाद हैं।
इस कार्यशाला में देश के विभिन्‍न संस्‍थानों एवं विश्‍वविद्यालयों जैसे की डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर; चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा; पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़; हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर; चितकारा विश्वविद्यालय, राजपुरा; इत्यादि के 20 छात्र प्रतिभागिता कर रहे हैं।
यह कार्यशाला उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के सहयोग से कारवाई जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button