धार्मिक

Palampur: *दैहण में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा हुई संपन्न*

 

1 Tct

दैहण में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा हुई संपन्न

Tct chief editor

दैहण में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा के तहत कथा विराम के दिन कथा वाचक भागवताचार्य पुरोहित संदीप शर्मा ने देवी भागवत के कई प्रसंग विस्तार से सुनाए। उन्होंने कहा कि देवी भागवत पुराण के पठन-श्रवण से महामारी, अति वृष्टि, अनावृष्टि, भूत प्रेत बाधा, दुष्ट ग्रह योग और सांसारिक कष्ट शांत हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की उत्पत्ति करने वाली भगवती जगदंबा सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। भगवती की महिमा का वर्णन वेद शास्त्र भी नहीं कर पाते।इस अवसर पर भागवत गोपाल जन कल्याण सेवा समिति के सदस्यों ने , कथा आयोजक श्री प्रताप चंद जी , गांव के लोगों ने वा बाहर से आए सैंकड़ों भक्तों ने नो दिन तक कथा श्रवण कर अपना जीवन धन्य किया।

भागवत कथा क्यों की जाती है?🙏
श्रीमद् भागवत पुराण को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है. श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है. श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है.
भागवत कथा का मूल उद्देश्य 🙏धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ भागवत से हैं। भागवत का मूल उद्देश्य मन की शुद्धि है। भगवान को ना तो तुम्हारा धन चाहिए और ना ही तन वह तो सिर्फ गोपियों के समान भाव के भूखे हैं। अगर प्रेम से भगवान को जल या एक पत्र या सिर्फ अपना मन अर्पित करते हो तो वह प्रसन्न हो जाते है।
कथा को सुनने के नियम की जानकारी देते हुए बताया  गया कि आप भी कथा करा सकते हो अगर ऐसा संभव न हो तो जहां पर कथा हो रही हो वहां पर पहुंच बैठैं और अपने पूर्वजों को याद कर श्रवण करें। उसका फल पितरों को प्राप्त होता है व्रत का पालन करे दिन में एक बार आहार ग्रहण करें और ब्रम्हचर्य का पालन करें🙏

कथावाचक श्री सन्दीप शर्मा भागवताचार्य जी महाराज ने अंतिम दिन कहा कि भागवत कथा का मूलमंत्र सदाचार है। जो इसे अपना लेता है, समाज उसे सम्मानित करता है। ऐसे व्यक्ति से भगवन भी प्रेम करते हैं।

डॉक्टर लेखराज द्वारा लिखित

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button