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*प्रदेश सरकार, सरकार की रीड की हड्डी कर्मचारियों व पेंशनरों को एकमुश्त उनके भुगतान करे:घनश्याम शर्मा

 

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*प्रदेश सरकार, सरकार की रीड की हड्डी कर्मचारियों व पेंशनरों को एकमुश्त उनके भुगतान करे:घनश्याम शर्मा

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पालमपुर 14 फरवरी : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय राज्य पेंशनर संघ के वारिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकार की रीड की हड्डी कर्मचारियों व पेंशनरों को एकमुश्त उनके भुगतान करें। शर्मा ने कहा कि पेंशनरों का एरियर एक ही किस्त में एकमुश्त भुगतान होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हजारों वृद्ध पेंशनर्ज जो जिंदगी के अंतिम पड़ाव में गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे है। बावजूद उसके सरकार इन पेंशनर्ज की अनदेखी कर कोई सुध नहीं ले रही है। शर्मा ने कहा कि राज्य के पेंशनर्स का पिछले करीब सात आठ सालों से लंबित देय बकाया सरकार एक मुफ्त भुगतान करने की घोषणा करें। इन पेंशनर्स को बजट से बहुत उम्मीदें थी। लेकिन बिना निश्चित समय सीमा के उनके देय राशि का भुगतान करने की बात कर सरकार ने वृद्ध पेंशनरों को सरकार ने बहुत दुखी किया है । इसके साथ ही महंगाई भत्ते की पिछले तीन किस्त लंबित पड़ी है , वही जनवरी 2024 से चौथी किस्त भी देय हो चुकी है । लेकिन बजट घोषणा पत्र एक ही किश्त देने की घोषणा करने पर भी पेंशनरों में बहुत रोष जताया है । शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार लंबित देय बकाया राशि का भुगतान एक मुश्त करें , ताकि यह पेंशनर सुखमय जीवन व्यतीत कर सके । शर्मा ने कहा कि आज सरकार को कर्मचारियों की देनदारी 10 हज़ार करोड़ से ऊपर की है । लेकिन बजट में उसमें सरकार ने इसका कोई जिक्र नहीं किया । उल्टे पिछले 14 महीने के कार्यकाल में सरकार 14 हज़ार करोड़ ऋण करें ले चुकी है। वहीं पिछले बजट में ई व्हीकल पर 50% सब्सिडी की बात करने वाली सरकार इस साल इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल पाई है । सरकार के पास कोई आंकड़ा भी इस मुद्दे पर उपलब्ध नहीं है । शर्मा ने कहा कि पिछले बजट में भी वर्तमान सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजस्थानी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया है। आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोलने की बात करने वाली सरकार ने पहले से चल रहे कई स्वास्थ्य संस्थानों को बन्द कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई संस्थान बंद किये, डॉक्टर डिग्री लेने के बाद बेरोजगार फिर रहे हैं, किसान बागवान, कर्मचारी सब दुःखी है। इस सरकार में किसी को सुख की अनुभूति नहीं हो रही है।

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