Nagar Nigam: *जनहित के मामले उठाओगे तो फिर पछताओगे!*
जनहित के मामले उठाओगे तो फिर पछताओगे!
अगर आप एक जागरूक नागरिक है या पत्रकार है तो आपको यह कोई हक नहीं कि आप जनता की समस्याओं का उठाओ जनहित के मामले सरकार को बताओ अगर आप ऐसा करोगे तो आप हिट लिस्ट में आ जाओगे और आपका कोई अपना उचित कार्य भी नही होगा। क्योंकि आप शासन प्रशासन की हिट लिस्ट में हो ।
यदि कोई जागरूक नागरिक है, या जनरलिस्ट है, यह रिटायर हो चुका अधिकारी है या पार्टी कार्यकर्ता है तो उसे हर गलत और सही कार्य को देख कर भी आंखें बंद कर लेनी चाहिए, कान ढक लेने चाहिए और जीभ को फेविकोल से चिपका लेना चाहिए ,ताकि तुम्हारे निजी कार्य आसानी से हो सके।
इसी तरह की मानसिकता वाले आदमी ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है। पत्रकार की भी तो पार्टी होती है प्रशासन के करीब होता है, वही सफल रहता है चुप चुप रहकर तमाशा देखता रहे और कुछ ना बोले ।असली पार्टी कार्यकर्ता वही है जो हां जी, हां जी ,करता है और जो इन दोनों नियमों पर नहीं चलता वह असफल ही होता है और उसे अपने उचित कार्य करवाने में हमेशा दिक्कत रहती है। जिसका ताजा उदाहरण हैआईमा वार्ड नंबर 4 का है जहां पर शनि मंदिर रोड पर अनीश नाग जी ने यहां के निवासियों के मांग पर तीन जगह पर कुहल पर पुली बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे मंजूर करके तीन पुलियों के बनाने बजट मिला व निर्माण का आदेश दिया गया। शायद टेंडर हुए भी होंगे उनमें से दो पुलियां तो बन गई परंतु एक पुली जो किसी पत्रकार के घर को जाती थी वह नही बनी क्योंकि वह पत्रकार नगर निगम की अक्सर क्लास लगता रहता था ।
वहां पर वह पुली नहीं बनाई जा रही है जब उस पुली के न बनने का कारण वार्ड नंबर 4 के वर्तमान काउंसलर व पूर्व डिप्टी मेयर नाग जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह तो कार्यकारिणी यानी कंस्ट्रक्शन विंग का काम है हमारा काम तो पुलियों को सैंक्शन करवा कर इसका काम शुरू करवाना था। और मैने तीनों पुलियों का काम करने का आग्रह किया था अब इसमें से एक पुली नहीं बन रही तो इसका कारण वह संबंधित XEN, SDO या JE ही दे सकते हैं क्योंकि तीसरी पुली के न बनने का कारण उन्हें ही ज्यादा पता होगा।
उधर दबी जुबान में पुली के न बनने से अफेक्टेड निवासियों ने कहा कि यदि अपने हकों के लिए आवाज उठाना गुनाह है तो यह पालमपुर नगर निगम का अनोखा व्यवहार है कि अगर आप बोलोगे तो हम आपके काम नहीं करेंगे आपको दबा कर रखेंगे आपको परेशान करेंगे ,यानी तानाशाही पूरी तरह से शिखर पर है और यह तभी हो रहा है क्योंकि यहां के प्रशासन पर शासन का कोई कंट्रोल नहीं वह अपने दबंगई से अपनी मर्जी से अपनी इच्छा अनुसार अपने मनपसंद का अपने हिसाब से कार्य करते हैं। ऐसा नहीं है कि है पहली बार हुआ है अन्य और भी ऐसे उदाहरण है जहां पर विरोधी दल के इलाके को इग्नोर किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि जिस पुली की बात की जा रही है उसमें एक रिटायर्ड कर्नल एक रिटायर्ड चीफ इंजीनियर चीफ एडिटर और ट्रेजरी ऑफिसर तथा अन्य लोगों का रास्ता है।
निगम के अधिकारी शायद यह चाह रहे होंगे कि ये सब लोग उनके ऑफिस के चक्कर लगाकर उनकी जी हजूरी करें उनकी मिन्नते करें ,घुटनों पर आएं तो क्या यह संभव है कि इतने बड़े-बड़े अधिकारी उनके द्वार पर एक छोटे से रूटीन कार्य के लिए चक्कर लगाए, उनकी जी हजूरी करें या उनकी चमचागिरी करें। अगर नगर निगम इसी तरह से अपने सीनियर सिटीजंस के साथ व्यवहार करेगा तो निगम को सचमुच में स्वच्छता का ही नहीं बल्कि प्रताड़ना कुशलता का भारत में प्रथम पुरस्कार मिलना चाहिए।
पूर्व डिप्टी मेयर का का कहना था कि कि जब लोहार को सुनार का काम दोगे तो हथियार तो खराब होंगे ही और हथियार नहीं होंगे या खराब होंगे तो लड़ाई कैसे लड़ेंगे।
मैकेनिकल V/S सिविल