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Editorial Mahendra Nath sofat:. *हिमाचल_का_राज्यसभा_चुनाव_और_अंतरात्मा_की_आवाज*

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6 मार्च 2024- (#हिमाचल_का_राज्यसभा_चुनाव_और_अंतरात्मा_की_आवाज)–

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हिमाचल के राज्यासभा के चुनाव मे बड़ा खेला हुआ है। इसके परिणाम हम सबके संज्ञान मे है। हर्ष महाजन जो चुनावी राजनीति से तौबा कर चुके थे वह राज्यसभा के सदस्य बन दिल्ली की ओर कूच कर गए और जो 6 विधायक चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे वह दल- बदल विरोधी कानून के अंतर्गत अपनी सदस्यता गवां कर घर बैठ गए है। कथन है कभी किसी का भाग्य इतना प्रबल होता है वह दूसरे के भाग्य को दुर्भाग्य मे परिवर्तित कर देता है। उदाहरण के लिए भाग्य ने राबडी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना था तो उनका रास्ता प्रशस्त करने के लिए लालू प्रसाद को जेल जाना पड़ा। प्रकृति के खेल ही निराले है। हर्ष महाजन ने कांग्रेस के विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने का आवाह्न किया और खेला हो गया। भारतीय राजनीति मे अंतरात्मा की आवाज भले यदा-कदा सुनाई देती हो लेकिन यह सच है कि इसने कई चुनावों को उलट-पलट कर रख दिया।एक प्रतिष्ठित अखबार के अनुसार इस बार उच्च सदन के लिए हिमाचल और उत्तर प्रदेश मे इस नारे का इस्तेमाल हुआ और परिणाम चौंकाने वाले रहे।

स्मरण रहे अंतरात्मा की आवाज का सर्वप्रथम आवाह्न श्रीमती इंदिरा गांधी ने तब किया था जब तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की अचानक हुई मृत्यु के बाद नए राष्ट्रपति के चुनाव मे कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नीलम संजीवा रैड्डी को बनाया था लेकिन चुनाव के एक दिन पहले इंदिरा गांधी ने कांग्रेस सांसदो को अंतरात्मा की आवाज पर वोट निर्दलीय वी.वी गिरी को करने को कहा था। ऐसा ही हुआ और अंतरात्मा की आवाज पर वी वी गिरी चुनाव जीत गए थे। मेरी समझ मे हिमाचल के राजनैतिक घटनाक्रम मे अंतरात्मा की आवाज से कहीं अधिक रोल राजनैतिक प्रबंधन का है। भाजपा के रणनीतिकारों ने कांग्रेस विधायकों के अपनी सरकार के प्रति रोष को जानते हुए उनके वोट अपने प्रत्याशी को दिलाने मे सफलता प्राप्त की। अब सब की नजरें सर्वोच्च न्यायालय पर है कि कोर्ट निष्कासित विधायकों की याचिका पर क्या निर्णय लेता है। फिलहाल सुख्खू सरकार को अभयदान मिल गया है। मेरे विचार मे इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू को अपना आत्म निरीक्षण करना चाहिए और उन कारणों को खोजना चाहिए जो उनके अपने साथी विधायकों को नाराज करने के कारण बने। मेरे विचार मे हिमाचल मे कांग्रेस सरकार की उम्र आने वाले लोकसभा के चुनाव और संभावित 6 विधान सभा के उप चुनाव तय करेंगे। इस सरकार का भविष्य चुनावों के परिणाम के साथ जुड़ा हुआ है। हमे इस सरकार का भविष्य जानने के लिए इन चुनावों के परिणामों का इतंजार करना होगा।

#आज_इतना_ही।

 

 

 

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