*कांग्रेस_का_लोकसभा_चुनाव_के_लिए_जारी_घोषणापत्र_युवाओं_महिलाओं_और_किसानो_को_लुभाने_का_प्रयास*
7 अप्रैल 2024-(#कांग्रेस_का_लोकसभा_चुनाव_के_लिए_जारी_घोषणापत्र_युवाओं_महिलाओं_और_किसानो_को_लुभाने_का_प्रयास)-
कांग्रेस के विस्तृत घोषणापत्र को मै अपने ब्लॉग का हिस्सा बनाने मे असमर्थ हूँ। उसके मुख्य बिन्दुओं का अवलोकन करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि कांग्रेस युवाओ,महिलाओ और किसानो को नकद ट्रांसफर कर लुभाना चाह रही है। साथ मे युवाओ और महिलाओ को नौकरियां देने का वायदा किया गया है।
(1) गरीब घरों की महिलाओं को एक लाख रूपए प्रति वर्ष और केन्द्रीय नौकरियों मे 50%आरक्षण।
(2) बेरोजगार युवाओ को अपरेंटिसशीप के लिए एक लाख प्रति वर्ष। साथ ही 30 लाख केन्द्रीय सरकार मे रिक्तियां भरने का वायदा।
(3) किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य सीधे किसान के बैंक खाते मे डिजिटल रूप से जमा होगा। इसके अतिरिक्त जातीय जनगणना, आरक्षण की 50% अधिकतम सीमा खत्म करने, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद छात्रवृति शुरू करने और उनके आसान ऋण नीति लाने का वायदा किया है। इसके अतिरिक्त 5000 करोड़ की स्टार्टअप योजना की शुरुआत का भी वायदा किया गया है। साथ ही दल-बदल कानून को और कठोर करने,अग्निवीर योजना खत्म करने की घोषणा की गई है। एक बड़ी घोषण यह भी की गई है कि दस साल मे 23 करोड़ लोगो को गरीबी रेखा से बाहर लाएगें।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र मे नोटबंदी, राफेल और इलैक्टोरल बांड की जांच की भी बात की है। खैर भारत मे हर दल को अपना घोषणापत्र जारी करने और बड़े वायदे करने का अधिकार है। यह भी सच है कि जब यह वायदे किए जाते है उस समय वायदे करने वालो को पता होता है कि यह पुरे नहीं किए जा सकते है। मेरे विचार मे कांग्रेस को घोषणापत्र जारी करने से पहले केंद्र सरकार की आर्थिक हालत का अवलोकन कर लेना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने हिमाचल मे भी दस गारंटिया दी थी और सत्तारूढ होने पर बहाने बनाने लगे की हमे खजाना खाली मिला है। मेरी समझ मे ऐसा कानून बनना चाहिए कि यह घोषणाएँ शपथ पत्र पर हो और पुरा न होने पर इन पार्टियों पर मतदाता मुकादमा चला सके क्योंकि कांग्रेस ही नहीं सभी पार्टियां वायदे करती है भूल जाने के लिए। हालंकि इन घोषणापत्रों पर अधिकांश लोग विश्वास नहीं करते है लेकिन फिर भी कुछ लोग भ्रमित हो जाते है। मतदाता सजग रहे विवेक से काम ले और भ्रमित न हो।
#आज_इतना_ही।