*निर्दलीय_विधायकों_के_त्यागपत्र_लटके*
11 अप्रैल 2024– (#निर्दलीय_विधायकों_के_त्यागपत्र_लटके)-
जैसा कि सर्वविदित है कि हिमाचल की विधानसभा मे तीन निर्दलीय विधायक चुन कर आए थे। अपने चुनाव के बाद इन तीनो विधायकों होशियार सिंह, के एल ठाकुर और आशीष शर्मा ने सुखविंदर सिंह सुख्खू की सरकार को अपना समर्थन दिया था, लेकिन राज्यसभा चुनाव मे इन्होने कांग्रेस के 6 अन्य बागी विधायकों के साथ भाजपा के उम्मीदवार को वोट देकर भाजपा के उम्मीदवार की जीत का रास्ता प्रशस्त किया था। उसके बाद इन्होंने अपने त्यागपत्र स्पीकर को सौंप दिए थे और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्होने स्पीकर से कहा था कि हम अपनी इच्छानुसार यह त्यागपत्र दे रहे है। उन्होने स्पीकर से अपने त्यागपत्र तुरंत स्वीकार करने का आग्रह भी किया था। इसी बीच राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्पीकर को शिकायत कर कहा कि यह तीनो विधायक भाजपा के दबाव मे त्यागपत्र दे रहे है। स्पीकर ने उनकी शिकायत का संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण की जांच की प्रक्रिया शुरू की और उन्हे जबाव के साथ 10 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था। मेरी समझ मे त्यागपत्र,शिकायत और स्पीकर द्वारा इन विधायकों को प्रेषित नोटिस के पीछे की पृष्ठभूमि राजनैतिक है। भाजपा और यह निर्दलीय विधायक तुरंत इस्तीफे स्वीकार करवा कर 6 उपचुनावों के साथ ही इन तीन चुनाव क्षेत्रों मे भी चुनाव करवाना चाहते है, जबकि कांग्रेस और हिमाचल सरकार इनके त्यागपत्रों को लटका कर यह चुनाव साथ न हो यह सुनिश्चित करना चाहते है। इस काम मे स्पीकर पहले से ही सरकार की मदद कर रहे है।
भाजपा और यह निर्दलीय विधायक लगातार स्पीकर पर त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहे थे। स्मरण रहे तीनों विधायक धरना भी दे चुके है। उन्होने हाईकोर्ट मे भी याचिका दायर की है। उस याचिका पर भी 10 अप्रैल को कोर्ट में भी सुनवाई हुई और न्यायालय ने स्पीकर को नोटिस जारी करते हुए 24 अप्रैल को स्पीकर से जबाव तलब किया है। अब मामला कोर्ट के विचाराधीन है और मुझे लगता है कि अब यह मामला लटक गया है। कोर्ट की अपनी प्रक्रिया है। उस प्रक्रिया को पुरा करने मे समय लगता है। इन विधायकों ने हाईकोर्ट जा कर स्पीकर का काम आसान कर दिया है। अब वह कह सकते है कि मामला हाईकोर्ट मे है और मै कोई निर्णय लेने मे सक्ष्म नहीं हूँ और मुझे कोर्ट के फैसले का इतंजार करना होगा। यह काबिलेगौर है कि हिमाचल चुनाव की अधिसूचना 7 मई को होने वाली है। तब तक कोर्ट से राहत मिलने की संभावना कम ही दिखाई देती है। मेरे विचार मे अब केवल 6 ही उपचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होगें और इन तीन निर्दलीय विधायकों को उपचुनाव के लिये इतंजार करना होगा।
#आज_इतना_ही।