Rahul Gandhi : *राहुल_गांधी_अनुपलब्धता_के_कारण _कांग्रेस_नेता_हो_रहे_नाराज*
19 अप्रैल 2024- (#राहुल_गांधी_अनुपलब्धता_के_कारण _कांग्रेस_नेता_हो_रहे_नाराज)–
आज भी कांग्रेस के भले राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं है लेकिन सुप्रीमो वह ही है। प्रतिष्ठित दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी की अपनी पार्टी मे उच्च मांग है। ऐसा कहा जाता है कि पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार राहुल को अपने प्रचार के लिए बुलाना चाह रहे है। अखबार का दावा है कि राहुल के दर्शन करने या मिलने के लिए 700 कांग्रेसी कतार मे है। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र मे काम करने वालो के समय का अभाव रहता है, लेकिन फिर भी सबको मिलना जरूरी होता है। मेरी समझ मे समय का प्रबंधन भी एक कला है। रिपोर्ट कहती है कि एक वरिष्ठ कांग्रेस के नेता एक महीने के इतंजार मे भी राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर सके। अखबार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राहुल के नज़दीकी मिलिंद देवडा का उदाहरण देते हुए लिखा कि उनके कांग्रेस को अलविदा कहने के पीछे एक बड़ा कारण राहुल से मुलाकात के लिए समय न मिलना भी है। दुसरी देश के अत्याधिक व्यस्त प्रधानमंत्री से भाजपा नेताओ को ऐसी शिकायत नहीं है। इस मामले मे उनके प्रबंधक बहुत सजग है। वह उनकी ऐसी छवि बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते है कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपने पुराने सहयोगियों को नहीं भूलते है। इसी कवायद मे उनकी कभी- कभी पुराने कार्यकर्ताओं से फोन पर भी बात करवाई जाती है।
वर्तमान मे कांग्रेस 55 सांसदो की पार्टी है और विरोध पक्ष मे है। मुझे स्मरण है कि भाजपा जब लगभग 90 सांसदो की प्रमुख विपक्षी पार्टी थी तो उसके अध्यक्ष लालकृष्ण अडवानी जब भी दिल्ली मे होते तो निश्चित समय पर पार्टी कार्यालय मे आते और नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते। खैर जो नेता आम कार्यकर्ताओं और आमजन के लिए उपलब्ध नहीं हो पाता तो उसकी ब्यूरोक्रेटीक छवि बन जाती है जो नेता के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। मेरे विचार मे कांग्रेस राहुल को वैकल्पिक नेता बनाने का इरादा रखती है, इसलिए उनकी छवि निखारने के लिए जरूरी है कि वह अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए अधिक से अधिक उपलब्ध भी रहे और संवाद भी करें।
#आज_इतना_ही।