Kejriwal:- *केजरीवाल_को_मुख्यमंत्री_पद_हटाने_की_याचिका_खारिज*
15 मई 2024- (#केजरीवाल_को_मुख्यमंत्री_पद_हटाने_की_याचिका_खारिज )–
सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले मे गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के अनुरोध करने वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया है। ऐसी स्थिति का उत्पन्न होना कि निर्वाचित मुख्यमंत्री जेल मे बंद हो और वह त्यागपत्र न देने की जिद कर रहा हो निश्चित तौर पर बहुत खेदजनक है। स्मरण रहे चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को जो जमानत दी गई है उस मे कोर्ट को शर्त लगानी पड़ी है कि अरविंद केजरीवाल अपनी रिहाई के दौरान न तो मुख्यमंत्री कार्यालय जाएगें और न ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर करेगें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को हटाना हमारे अधिकार क्षेत्र मे नहीं आता है क्योंकि इसका कोई प्रावधान संविधान मे नहीं है। मैने पहले भी लिखा है आज फिर अपनी बात को दोहरा रहा हूं कि संविधान निर्माताओं ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि कभी ऐसा व्यक्ति भी मुख्यमंत्री बन जाएगा जो जेल जाने के बाद भी त्यागपत्र देने से इंकार कर देगा।
लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत लोकलाज है। वर्तमान मे लोकलाज राजनैतिक क्षेत्र से लुप्त होती जा रही है। मेरी समझ मे यही लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। केजरीवाल दोषी है या नहीं इसका निर्णय कोर्ट करेगा, लेकिन वह आरोपी है,जेल मे बंद थे और आजकल अस्थाई रिहाई पर है। उन्हे कोर्ट ने दो जून को जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने के आदेश दे रखे है। मेरे विचार मे भले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर की गई याचिका खारिज कर दी है, लेकिन कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बने रहना उपराज्यपाल पर निर्भर करता है। अगर वह चाहें तो कार्रवाई कर सकते है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस संदर्भ मे उपराज्यपाल द्वारा किए गए निर्णय मे हस्तक्षेप नहीं करेगें। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रत्यक्ष रूप से उपराज्यपाल को कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया है। अब दो जून के बाद उपराज्यपाल केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से हटाने को लेकर क्या पग उठाते है यह देखना दिलचस्प होगा।
#आज_इतना_ही।