*लोकतांत्रिक देश के समर्पित सैनिक के रूप में मतदान करने की अपील*
लोकतांत्रिक देश के समर्पित सैनिक के रूप में मतदान करने की अपील ।
हिमाचल प्रदेश के सभी गौरवान्वित नागरिकों से अपील है कि 01 जुन 2024 को एक सैनिक के रूप में मतदान करें। मतदान लोकतंत्र की आधारशिला होती है इसलिए हर नागरिक को मतदान करने के इस अधिकार पर गर्व होना चाहिए क्योंकि मतदाता देश के भविष्य का विधाता होता है। मतदान की शक्ति हमारे दुनिया के सबसे बड़े 140 करोड़ आबादी के लोकतांत्रिक देश का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए लोकतंत्र को मजबूत रखने के लिए खुद मतदान करें और दूसरों को भी अपने देश के गौरवान्वित नागरिक के रूप में मतदान करने के लिए प्रेरित करें । मतदान के प्रतिशत को बढ़ाना भी हमारी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी बनती है। मतदान केवल एक अधिकार ही नहीं बल्कि नागरिक का कर्तव्य भी बनता है की इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेकर देश की समग्र प्रगति में अपना अहम निभाना चाहिए। मतदान में सभी की भागीदारी न केवल राज्य को चलाने के लिए एक समर्पित सरकार का गठन करने से है बल्कि उन सभी महान् नायकों को भी एक सच्ची श्रद्धांजलि देने से भी है जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था ,उन महान् बलिदानियों को हमें नहीं भूलना चाहिए जिनके बलिदानों से ही हमें स्वतंत्र रूप में मतदान करने का अधिकार मिला है । देश के नागरिकों का मतदान से दूर रहना एक लोकतांत्रिक देश में अच्छे संकेत नहीं माने जाते हैं । देखा गया है कि हमारे देश में मतदाताओं में उदासीनता, लापरवाही, आलस्य की आदत आज एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है। मतदान एक अधिकार या कर्तव्य ही नहीं प्रत्येक नागरिक की एक मत की शक्ति को प्रयोग में लाना होता है जिससे ऐसे सही नेता को चुन सकते हैं जिनके विचार उन्हें सबसे अधिक अच्छे लगते हैं। हर नागरिक को मतदान के महत्व को गंभीरता से समझना चाहिए कि उनका एक वोट देश में कितना बदलाव ला सकता है इसलिए सभी नागरिकों को बड़ी संख्या में मतदान कर मतदान के प्रतिशत को बढ़ाना चाहिए । हर नागरिक किसी भी अपनी ज्यादा पसन्द के नेता वोट डालता है जो उसका अपना व्यक्तिगत निर्णय होता है जो एक शांतिपूर्ण ओर कुशल तरीका भी है। मतदान में ज्यादा से ज्यादा नागरिक ,युवा मतदाता इस राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले इसलिए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए हमारे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी मनाया जाता है। मतदान में नोटा भी एक विकल्प होता है जिसका मतलब उपरोक्त में कोई भी उम्मीदवार उपयुक्त नहीं है, नोटा वोटो की भी गिनती की जाती है लेकिन अधिकांश वोट लेने वाले प्रत्याशी की ही जीत मानीं जाती है। हमारे देश में 18 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिक को मतदान कर सकते हैं। व्यक्ति मानसिक तौर पर विक्षिप्त हो या अपराधों या ग़लत आचरणों की वजह से न्यायालय द्वारा मतदान के अयोग्य घोषित कर दिए हो ऐसे लोगों को मतदान में भाग लेने का आधिकार नहीं होता है । मतदान के दिन को हमें एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाना चाहिए ।देश की सरहद में रात दिन कठिन अहम् परिस्थितियों देश की सुरक्षा के लिए तैनात एक सैनिक सेवा देता है उसी तरह थोड़ा बहुत कष्ट भी सहन करना पड़े तो भी उसकी परवाह न करते हुए देश के विकास को ध्यान में रखते हुए एक दिन राष्ट्र को समर्पित करना चाहिए ओर सोच समझकर बिना किसी लालच से , निस्वार्थ भावना से अपना अमूल्य वोट सही प्रत्याशी को देकर अपना राष्ट्र धर्म निभाने में आगे आना चाहिए।
मनवीर चन्द कटोच