NHAI: *इसको बोलते हैं लापरवाही की हद नहीं ,बल्कि इंतहा*
NHAI: *इसको बोलते हैं लापरवाही की हद नहीं ,बल्कि इंतहा*
बने रहो पगला काम करेगा अगला
यह वाक्य NHAI पर बिल्कुल सही फिट होता है ।
न जाने क्यों छोटा सा काम करके यह लोग भूल जाते हैं कि वहां पर दोबारा झांक कर भी देखना है पालमपुर सिविल अस्पताल के सामने से गुजरता हुआ यह बाईपास पुल यही कहानी बयां कर रहा है मीडिया में जब खबरें उठी तो उन्होंने थोड़ी सी रिपेयर कर दी लेकिन रिपेयर करने के बाद वहां पर लगाए गए बैरिकेट्स और अन्य हर्डल हटाना भूल गए। रिपेयर के बाद उस जगह की सुध लेना और उस जगह का निरीक्षण करना फील्ड इंजीनियर और स्टाफ का काम होता है परंतु शायद गर्मी की वजह से वह अपने दफ्तर से बाहर निकलने में परेशानी महसूस कर रहे हैं ।जनता चाहे परेशान हो जाए कोई स्कूटर सवार गिर जाए और उसकी टांग टूट जाए इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इसी तरह से आप पालमपुर से बैजनाथ की तरफ चले जाइए जगह-जगह ऐसी के जगह रिपेयर की गई है और उसके बाद उसकी सुध नहीं ली गई है कि वह रिपेयर ठीक हुई है या नहीं हुई है।
पता नहीं क्यों इतनी लापरवाही बढ़ती जाती है जिससे लोगों की जान पर बन जाए ।हाईवे के दोनों और burm का कार्य चल रहा है परंतु बरम के दोनों तरफ इतनी गहरी गहरी नालियां बनाई गई है जो हादसे को निमंत्रण देती हैं। अगर इस जगह U शेप की जगह V शॉप ड्रेन बनाई जाती है शायद सड़क भी तंग ना होती और हादसे की संभावनाएं भी ना रहती ।परंतु हम तो लकीर के फकीर हैं जो साहब ने कहा जो किताबों ने लिख दिया वही सही। साइट रिक्वायरमेंट क्या है कैसी है इसका कोई मतलब नहीं🤔😊