Lok Sabha election impact: *सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा*
08 जून 2024– (#सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा)–
लोकसभा चुनाव के परिणामों का अवलोकन कर एक बात ध्यान मे आती है कि अधिकांश सर्वेक्षण और सट्टा बाजार के दावे प्रायोजित थे और चुनाव अभियान का हिस्सा थे। सभी सर्वेक्षण और सट्टा बाजार भाजपा और जनतांत्रिक गठबंधन की भारी जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे, लेकिन सर्वेक्षण करने वाले और सट्टे के कारोबार करने वाले चुनाव के दौरान मिल रहे दो संकेतो की विवेचना नहीं कर सके। वह संकेत थे कम मतदान और मौन मतदाता। मेरे विचार मे इन दोनो संकेतो की आवाज भाजपा के हाई-प्रोफाइल प्रचार के नीचे दब कर रह गई थी। खैर अब चुनाव परिणाम सबके सामने है भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है और जनतांत्रिक गठबंधन 293 सीटों के स्पस्ट बहुमत के साथ चुनाव पुर्व किया गया गठबंधन है। इंडी 234 सीट के साथ विपक्ष का सशक्त गठबंधन है। खबरों के अनुसार मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे है। अब वह बतौर एन.डी.ए गठबंधन के नेता के तौर पर शपथ लेगें। स्मरण रहे अभी तक उन्होने हमेशा गुजरात से लेकर दिल्ली तक सब स्पस्ट बहुमत की सरकारें चलाई है और उन्हे पहली बार असली गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव प्राप्त होगा। इस गठबंधन मे जैसे मैने पहले भी लिखा है कि मोदी, नितीश और चन्द्रबाबू नायडू के समर्थन पर आश्रित होगें।
मेरी समझ मे गठबंधन धर्म सबको साथ लेकर चलने से चलता है और निर्णय सभी की सहमति और सलाह से लेने होते है। अभी तक वह पहले ऐसे नेता होंगे जो चुनी हुई सरकारों यानि गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप मे रिकॉर्ड 8277 दिन काम कर चुके है। इस दौरान हर एक निर्णय वह स्वयं लेते रहे है। स्मरण रहे नोटबंदी की घोषणा के बाद मंत्रीमंडल को विश्वास मे लिया गया था। अभी तक हर निर्णय मे पहली और अंतिम राय उन्ही की होती है। गठबंधन चलाने के लिए और गठबंधन धर्म निभाने के लिए स्वर्गीय अटल विहारी वाजपेई जी की कार्यपद्धति से प्रेरणा ली जा सकती है। खैर अब यह देखना अति दिलचस्प होगा कि मोदी जी नये गणित और नई परिस्थितयों मे कैसे अपने को ढाल पाते है।
#आज_इतना_ही।