*कांग्रेस_और_संविधान_बचाओ_के_नारे*
26 जून 2024- (#कांग्रेस_और_संविधान_बचाओ_के_नारे)–
प्रतिष्ठित दैनिक अखबार के अनुसार 18वीं लोकसभा के पहले ही दिन हंगामा हुआ। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही शपथ लेने के लिए उठे, कांग्रेस के नेतृत्व मे सभी विपक्षी सदस्य संविधान की प्रतियां लेकर खड़े हो गए। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट कहती है कि विपक्षी सांसदो ने कांग्रेस के साथ एक जुटता दिखाते हुए संसद परिसर मे संविधान बचाओ के नारे लगाए और सरकार के खिलाफ हमला बोला। मेरी समझ मे शायद विपक्ष विशेषकर कांग्रेस अपनी बढ़ी हुई संख्या के चलते जरूरत से अधिक उत्साहित है। मेरे विचार मे कांग्रेस को संविधान बचाओ जैसे नारे लगाने का कोई अधिकार नहीं है। स्मरण करे 25 जून 1975 को इस देश का वह काला इतिहास जब तत्कालीन कांग्रेस ने देश के संविधान से बलात्कार करते हुए अध्यादेश द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकार समाप्त करते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया था। एक लाख लोगो को बिना कसूर के जेल मे डाल दिया था।
आज ही के दिन 26 जून 1975 को सुबह चार बजे धर्मपुर मे मेरा घर भी पुलिस ने घेर लिया था और मुझे गिरफ्तार कर जेल मे डाल दिया था। इसी दौरान 83 लाख लोगो की जबरदस्ती नसबंदी कर दी गई थी। मीडिया के कार्यालयों की बिजलियां तक काट दी गई थी। बाबू जयप्रकाश नारायण सहित सभी दिग्गज विपक्षी नेताओं को जेल मे बंद कर दिया गया था। संविधान के मूल ढांचे मे भी गैर कानूनी संशोधन कर दिए गए थे। काबिले गौर है कि उस समय देश ठीक से चल रहा था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का चुनाव हाईकोर्ट द्वारा रद्द होने के चलते और उनके द्वारा अपनी कुर्सी को बचाने के चक्कर मे देश को जेल मे बदल दिया गया और संविधान के साथ बड़ा खिलवाड किया गया। कांग्रेसजनो के मुँह से संविधान बचाने की बाते अच्छी नहीं लगती। कम से कम जून माह मे तो उन्हे संविधान के विषय पर कुछ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि इससे मेरे जैसे लाखों आपातकाल मे प्रताड़ित लोगो के जख्म हरे हो जाते है, जिन्हे बिना कसूर 25 और 26 जून की मध्य रात्रि मे गिरफ्तार कर जेल मे डाल दिया गया था।
#आज_इतना_ही।