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“Himachal Pradesh government to scrap 15-year-old vehicles *सरकार के 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के फैसले पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे हैं।* लेखक :डॉ लेख राज खलेट मारण्डा

 

 

 

सरकार के 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के फैसले पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कदम आम आदमी को नुकसान पहुँचाने और कार निर्माताओं को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि स्क्रैप की जाने वाली गाड़ियों के किसी भी पुर्जे का दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकेगा, जिससे पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को लाभ होगा। यह निर्णय स्पष्ट रूप से गलत है और जनता के विरोध का सामना करेगा, क्योंकि यह किसी भी गाड़ी मालिक के हित में नहीं है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिन्होंने 15 साल पहले गाड़ी खरीदी थी। जो लोग आज गाड़ी खरीद रहे हैं, उन्हें भी 15 साल की सीमा के कारण डर का सामना करना पड़ेगा।

हमारे जनप्रतिनिधियों और निर्णय लेने वाले अधिकारियों को मुफ्त में कीमती वातानुकूलित गाड़ियाँ, सरकारी ईंधन और ड्राइवर मिलते हैं, इसलिए वे ऐसे जनविरोधी फैसले लेने में संकोच नहीं करते। लेकिन जब जनता ने इन्हें अपनी आवाज बनाकर भेजा है, तो उन्हें ऐसे फैसलों पर मुहर लगाने के बजाय जनता के हित में काम करना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 85% लोग, जिन्होंने अपनी जरूरतों के लिए बैंक लोन पर गाड़ियाँ खरीदी हैं, उन पर इस फैसले का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। वे लोग जिन्होंने 15 साल में अपनी गाड़ी को बहुत ही कम चलाया है और जिन्हें अभी भी बैंक लोन की किस्तें चुकानी हैं, उन्हें इस फैसले से भारी नुकसान होगा।

सरकार का यह निर्णय केवल सरकारी खजाना भरने और कमीशन तथा पूंजीपतियों की तिजोरियों को भरने के उद्देश्य से लिया गया प्रतीत होता है। 15 साल के बाद वाहन की पासिंग के लिए सरकार को 15,000 से 20,000 रुपये मुफ्त में मिलते हैं, और अब यह नया फरमान कि 15 साल पुरानी गाड़ियों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा, लोगों के लिए असहनीय है। लोग अपनी गाड़ियों को आसानी से स्क्रैप के लिए नहीं भेजेंगे। गाड़ी की स्थिति को देखकर अगर उसमें कोई कमी पाई जाती है, तो उस कमी को सुधारने के निर्देश देने चाहिए और फिर उसकी जांच करनी चाहिए। हर 15 साल पुरानी गाड़ी को कबाड़ घोषित करने का अधिकार सरकार को कहाँ से मिल गया है?

अमेरिका या कनाडा जैसे देशों में भी शायद ऐसा नहीं होता है। सभी वाहन मालिकों की सरकार से गुजारिश है कि इस जनविरोधी फैसले को बिलकुल भी अमल में न लाया जाए।

Dr.Lekh Raj

लेखक :डॉ लेख राज खलेट मारण्डा

 

“Himachal Pradesh government to scrap 15-year-old vehicles

– 12 scrap centers to be set up in 12 districts
– Vehicles to be fully dismantled, no spare parts to be reused
– Record of scrapped vehicles to be maintained
– Owners to get 25-50% discount on new vehicle registration
– Tender process underway, scrap centers to be operational by October

The move aims to reduce pollution and promote new vehicle sales. The transport department has already organized a workshop to inform potential scrap center owners about the policy and guidelines.”

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