Editorial: *पेड़ों की सुरक्षा के नाम पर जनता की जान खतरे में (पेड़ न काटने के नियम)*
अगर इस तरह के खतनाक पेड़ किसी मिलिट्री की गाड़ी पर यह गिर गये तो चार-पांच या उसे अधिक जवानों की जान जा सकती है क्या यह पेड़ जवानों की जान से भी अधिक कीमती हैं । अरे इन्हें काटिए उनकी जगह और पेड़ लगाइए और लोगों की जान बचाइए।🙏
पेड़ों की सुरक्षा के नाम पर जनता की जान खतरे में (पेड़ न काटने के नियम)
हमारे देश में सड़क किनारे खड़े पेड़ जो अपने जीवन का अंत कर चुके हैं, अब खतरा बन गए हैं। सूखे और विशालकाय पेड़, जिनकी जड़ें धरती को छोड़ चुकी हैं, कभी भी किसी वाहन पर गिर सकते हैं। कल्पना कीजिए कि यदि ऐसा हुआ तो कितनी जानें जाएंगी? क्या हमारे देश में एक इंसान के जीवन की कीमत पेड़ों की जान से कम हो गई है?
ये पेड़, जो किसी भी क्षण बस, कार, या किसी सार्वजनिक या निजी वाहन पर गिर सकते हैं, हमारे लिए गंभीर खतरा हैं। हम इस हद तक पहुंच चुके हैं कि पेड़ों को न काटने की जिद में 5-10 लोगों की जान भी गंवा सकते हैं। कल ही मैंने एक आर्टिकल लिखा था जिसमें मैंने बताया था कि एक पेड़ एक सरकारी इमारत पर बुरी तरह से झुका हुआ है और कभी भी गिर सकता है, जिससे 10-15 लोगों की जान जा सकती है।
परंतु हमारे अधिकारियों की न जाने क्या मजबूरी है कि वे ऐसे खतरनाक पेड़ों को नहीं कटवाते। शायद इसका कारण हमारे नियमों का कठोरता और तथाकथित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं या ग्रीन ट्रिब्यूनल की नीतियां हैं, जो ऐसे मामलों में अधिक जिम्मेदार हैं। हमें समझना होगा कि इंसान के जीवन की कीमत अधिक होनी चाहिए और पेड़ों की जान की कीमत कम होनी चाहिए।
खतरनाक पेड़ों को तुरंत काटा जाना चाहिए और उनकी जगह चार नए पेड़ लगाए जाने चाहिए। परंतु किसी भी हालत में ऐसे पेड़ जो कभी भी गिर सकते हैं, सड़क पर या किसी भवन पर नहीं लटके रहने चाहिए। सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि जनता की जान की रक्षा की जा सके।
ट्राइसिटी टाइम्स तथा HR मीडिया ग्रुप इस विषय पर कई आर्टिकल कई एडिटोरियल तथा खबरें छाप चुका है परंतु ना तो वन विभाग,न शासन ,प्रशासन या नेता द्वारा इस पर कोई संज्ञान लिया गया।
चित्र में जो आप के के पेड़ों की जड़ें देख रही हैं यह होलटा कैंप के पास है। यहां पर यह खरतनाक पेड़ कभी भी गिर सकते हैं।
कुछ पेड़ तो इतने झुके हुए हैं कि वह हल्के से हवा झोंके से गिरकर किसी भी वाहन में बैठे हुए व्यक्तियों की जान ले सकती हैं ।और इस स्थान पर हमारे सरहदों के रक्षक वीर जवान हर रोज बीसियों बार इस सड़क से गुजरते हैं क्योंकि मिलिट्री कैंप बिल्कुल इसके नजदीक हैं अगर किसी मिलिट्री की गाड़ी पर यह गिर गया तो उसमें भी चार-पांच या उसे अधिक जवानों की जान जा सकती है क्या यह पेड़ जवानों की जान से भी अधिक कीमती हैं ।
अरे इन्हें काटिए उनकी जगह और पेड़ लगाइए और लोगों की जान बचाइए।🙏
फायर ब्रिगेड के ऑफिस के सामने सरकारी आवास पर लगभग 60 डिग्री पर झुका हुआ यह पेड़ कभी भी इस भवन पर गिर सकता है और 5-7 सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों उनके बच्चों की जान ले सकता है शायद कोर्ट के लोग भी इसमें रहते हैं।