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Ambani celebrations: *अंबानी परिवार में शादी समारोह की सबसे बड़ी विशेषता नीता अंबानी का सौम्य और घमंड रहित व्यवहार*

इस पूरे समारोह में सबसे प्रशंसनीय बात नीता अंबानी का व्यवहार था। इतनी अमीरी और रईसी के बावजूद, उनके चेहरे और भाषा में घमंड का नामोनिशान नहीं था

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 अनंत अंबानी की शादी: एक विचारशील दृष्टिकोण

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हाल ही में अनंत अंबानी की शादी ने पूरे भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अधिकतर लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि इस शादी पर इतना खर्च क्यों किया गया। इस मुद्दे पर विचार करना आवश्यक है कि हर परिवार अपनी क्षमता और इच्छाओं के अनुसार अपने खास मौकों पर खर्च करता है।

अक्सर लोग सवाल उठाते हैं कि अमीर परिवार अपनी शादियों पर इतना अधिक पैसा क्यों खर्च करते हैं। लेकिन यह ध्यान देना चाहिए कि आम आदमी भी अपनी आय और बचत के एक निश्चित प्रतिशत को अपनी शादियों पर खर्च करता है। उदाहरण के लिए, अगर एक सामान्य व्यक्ति अपनी आय का 20-25% अपनी संतान की शादी पर खर्च करता है, तो मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने भी अपनी आय का एक मामूली सा हिस्सा, यानी 0.05%, इस शादी पर खर्च किया।

 फिजूलखर्ची का समाज पर प्रभाव पड़ता है यह भी सच है लोग देखा देखी में अपनी हैसियत भूल कर अपने से हैसियत में बड़े रिश्तेदारों और लोगों की नकल करने लगते हैं जिससे न केवल वह खुद की आर्थिक का नुकसान करते हैं परंतु जीवन पर परेशान भी रहते हैं

हां, यह सच है कि यदि इस समारोह को सादगी से संपन्न किया गया होता तो यह एक आदर्श उदाहरण पेश कर सकता था। अमीर लोग यदि कम खर्च करेंगे, तो समाज में एक संदेश जाएगा कि शादियों में फिजूल खर्ची नहीं करनी चाहिए। यह संदेश खासतौर पर उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जो कर्ज लेकर शादियाँ करने को मजबूर होते हैं।

हमें यह समझना चाहिए कि किसी के व्यक्तिगत मामलों में दखल देना सही नहीं है। हर परिवार अपनी परिस्थितियों और संसाधनों के अनुसार फैसले लेता है। अंबानी परिवार ने जो भी किया, अपनी हैसियत और खुशी के अनुसार किया।

इस पूरे समारोह में नीता अंबानी का व्यवहार बहुत ही सराहनीय और लोगों को उदाहरण पेश कर गया

इस पूरे समारोह में सबसे प्रशंसनीय बात नीता अंबानी का व्यवहार था। इतनी अमीरी और रईसी के बावजूद, उनके चेहरे और भाषा में घमंड का नामोनिशान नहीं था। उल्टा, उन्होंने सभी मेहमानों का तहे दिल से स्वागत किया और उनके आने का धन्यवाद किया। यह उनकी विनम्रता और सम्मान का प्रतीक है, जो उन्हें और भी विशेष बनाता है। 

निष्कर्ष यह निकलता है कि समाज में बड़े लोगों के कार्य और उनके खर्च पर हमेशा ध्यान दिया जाता है, और यह स्वाभाविक भी है। परंतु, हमें यह भी समझना चाहिए कि हर परिवार अपने ढंग से खुशियाँ मनाने का अधिकार रखता है। अंबानी परिवार की शादी पर हुए खर्च का विश्लेषण करने से पहले हमें अपने समाज और उसके विभिन्न पहलुओं को भी देखना चाहिए। नीता अंबानी के विनम्र व्यवहार ने इस पूरे समारोह को और भी सुंदर बना दिया और यह सीखने योग्य है कि हम भी अपने जीवन में विनम्रता और आदर का स्थान बनाए रखें।

इस तरह के आयोजन समाज में एक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं, लेकिन हर व्यक्ति को अपनी परिस्थितियों के अनुसार ही जीवन के निर्णय लेने चाहिए। हमें दूसरों की खुशियों में कटाक्ष करने के बजाय, अपने समाज में बेहतर और सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।

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