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*आंध्र_प्रदेश_और_बिहार_2024_बजट_के_असली_लाभार्थी*

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25 जुलाई 2024–(#आंध्र_प्रदेश_और_बिहार_2024_बजट_के_असली_लाभार्थी)–

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केन्द्रीय बजट के अवलोकन के बाद एक बात स्पष्ट नजर आती है कि लोकतंत्र मे नंबर सबसे महत्वपूर्ण है। अभी हाल ही मे सम्पन्न लोकसभा चुनाव के परिणामों मे सदस्यों की संख्या का ऐसा आंकडा उभर कर सामने आया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू अति महत्वपूर्ण हो गए है। सर्वविदित है कि लोकसभा चुनाव मे भाजपा स्पष्ट बहुमत का जादुई आँकड़ा नहीं जुटा पाई थी और भाजपा को बहुमत के लिए तेलगू देशम और जनता दल पर आश्रित होना पड़ा था। खैर भाजपा ने चंद्र बाबू नायडू और नीतीश कुमार के समर्थन के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार का गठन करने मे सफलता प्राप्त की और नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। विश्लेषकों का मत था कि अब केन्द्रीय सरकार को नीतीश और नायडू के दबाव मे काम करना होगा। यह दोनो मंत्रालयो मे बड़ी हिस्सेदारी की मांग करेगें, अपनी मनपसंद के विभाग चाहेंगे और यह भी कहा गया कि वह समर्थन की एवज मे स्पीकर पद देने की शर्त भी लगा सकते है, लेकिन पर्दे के पीछे की बातचीत के बाद दोनो सहयोगी दलों की ओर से कोई शर्त सामने नहीं आई।

मंत्रीमंडल के गठन और मंत्रालयो के आबंटन के बाद जो तस्वीर सामने आई उससे स्पष्ट हो गया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री जी पर कोई दबाव नहीं था या उन्होने दबाव नहीं माना था। उसके बाद मीडिया रिपोर्ट कह रही थी कि आंध्र प्रदेश और बिहार विशेष राज्य का दर्जा या विशेष आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे है। हालांकि इस प्रकार की कोई घोषणा बजट मे नहीं की गई, लेकिन प्रतिष्ठित अखबार मे छपी रिपोर्ट के अनुसार बिहार को 47,400 करोड रूपए के इंफ्रा प्रोजेक्ट और आंध्र प्रदेश को 15000 करोड रूपए दिए जाएंगे। इस पैसे को कैसे और किन मदों के माध्यम से दिया जाएगा उसकी मुझे विस्तृत जानकारी नहीं है। आज लगभग सभी राज्य सरकारें आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है और देश मे संघीय ढांचा है। केन्द्र सरकार राजनैतिक कारणों से दो प्रदेशों को आर्थिक सहायता कर रही है। मेरी समझ मे केन्द्रीय सरकार का यह निर्णय अन्य राज्य असंतोष पैदा कर सकते है। ऐसा करने से भाजपा के लिए एक नई चुनौती आने वाले तीन प्रदेशों महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव मे खड़ी हो सकती है और विपक्ष भेदभाव को मुद्दा बना सकता है।

#आज_इतना_ही।

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