*#चुवाड़ी_फाल्ट #हेमांशु_मिश्रा*
#चुवाड़ी_फाल्ट
#हेमांशु_मिश्रा
चम्बा भारत के आकांशी जिलों में से एक है। यहाँ की भौगोलिक स्थितियाँ बहुत चुनौती पूर्ण एवम कठिन है। भटियात को वैसे चम्बा जिला का कुछ सुगम क्षेत्र माना जाता है परंतु वास्तविकता में ऐसा है नहीँ।
चम्बा जिला के चुवाड़ी, जोत, डलहौज़ी, बकलोह से लाहड़ू यक का क्षेत्र भू विज्ञानी चुवाड़ी फाल्ट के नाम से जानते है।
मेरी जानकारी के अनुसार शिवालिक पर्वत शृंखला जहाँ मुकेरियां पठानकोट नूरपुर से बढ़ती हुई लाहड़ू को छूती हैं । वहीं जोत डलहौज़ी में धौलाधार पर्वत श्रृंखला मिलती है, तीसरी तरफ पीर पंजाल की पहाड़ियां साच पास यानि पांगी चुराह से हो कर गुजरती है । इन तीनो पर्वत श्रृंखला का मिलन इसी क्षेत्र में होता है, इसीलिए इस इलाके को चुवाड़ी फाल्ट के नाम जाना जाता है।
लाहड़ू के पास सिहुंता जाते हुए नारागढा गांव में में बामियों की तरह की पहाड़ों की संरचना, चुवाड़ी की तरफ काली घार में लगातार होता भूस्खलन यह दर्शाता है कि तीनों श्रृंखलाओं के मिलने के कारण यह क्षेत्र अत्याधिक कठिन दुर्गम एवम भू वैज्ञानिकों के अध्ययन का विषय है।
फाल्ट वास्तव में दो पर्वत श्रृंखला के बीच एक फ्रैक्चर या फ्रैक्चर का क्षेत्र होता है। लेकिन चुवाड़ी में तीन पर्वत श्रृंखलाएं आपस में मिल रही हैं । इसी कारण तीनों पर्वत श्रृंखलाएं एक दूसरे को धकेल रही होंगी। ये धकेलना या यूं कहूँ कि ये हलचल कभी भी भूकंप या बड़े भू स्खलन का कारण बन सकती है ।
मुझे लगता है कि इस क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक संरचना के कारण इस इलाके के विकास के लिए दीर्घ कालिक वैज्ञानिक योजना बननी चाहिए ताकि भविष्य में कोई बड़ी त्रासदी आने से पहले ही हम तैयार रहें। वैसे यहाँ के भू स्खलन को लेकर NIIT हमीरपुर के शोधार्थी देश दीपक पाण्डे राजेश्वर बांष्टु ने काफी गहन शोध किया है लेकिन इस से आगे बढ़ कर भूगर्भ वैज्ञानिकों के लिए यहाँ राष्ट्र स्तरीय अध्ययन केंद्र खोलना अत्यंत आवश्यक है।