*तिरूपति लड्डू विवाद पर दब कर राजनीति हो रही है*
लेखक :-महेंद्रनाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार
30 सितंबर 2024–(#तिरूपति लड्डू विवाद पर दब कर राजनीति हो रही है।)–
तिरूपति के लड्डू प्रसाद मे चर्बी मिलने से हिन्दु समाज और भगवान वेंकटेश्वर के भक्त सकते मे है। वह अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है। मेरी समझ मे यह ऐसा मामला है जो स्पष्ट रूप से बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। इस कांड के लिए सबसे बड़ा दोषी तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम ट्रस्ट है वह ट्रस्ट देसी घी की सप्लाई की अपूर्ति 350 रूपए प्रति किलो करवा रहा था। यह बात तो मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति को भी समझ आती है कि जब शुद्ध देसी घी का बाजार भाव लगभग 800 रूपए प्रति किलो है तो ट्रस्ट 350 रूपए किलो घी खरीद कर कैसे उस देसी घी को शुद्ध मान रहा था, जबकि यह ट्रस्ट अरबों रूपए की संम्पति का मालिक है और भगवान वेंकटेश्वर की सेवा के लिए बने इस ट्रस्ट की वार्षिक आय करोड़ों रूपए मे बताई जाती है। मेरी समझ मे ट्रस्ट को अपना डायरी फार्म चलाना चाहिए ताकि शुद्ध देसी घी भी मिल सके और कुछ लोगो को रोजगार भी मिल जाए। खैर इस कांड के उजागर होने बाद से ही वहां की राजनीति मे उफान आया हुआ है। जहां वर्तमान मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को जिम्मेदार ठहरा रहे है वहीं जगन रेड्डी उनके बयानों को पाप के साथ जोड़ रहे है।
तिरूपति मंदिर का दौरा कर वहां विशेष अनुष्ठान करने वाले थे, लेकिन इस पर उन्हे जनाक्रोश का सामना करना पड़ा और उनसे उनकी आस्था स्पष्ट करने लिए कहा गया। काबिलेगौर है कि जगन रेड्डी क्रिश्चियन धर्म मे विश्वास रखते है। हालांकि इस विवाद के बाद उन्होने अपनी तिरुपति मंदिर के लिए प्रस्तावित यात्रा फिलहाल रद्द कर दी है। मेरे विचार मे जब वह क्रिश्चियन धर्म के अनुयाई है तो उन्हे न तो भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की यात्रा करनी चाहिए और न ही अनुष्ठान करना चाहिए। मेरी जानकारी के अनुसार वहां केवल हिन्दुओ और भगवान वेंकटेश्वर के भक्तो के जाने की परम्परा और नियम है। एक धर्म के मानने वाले को दूसरे धर्म के नियमो और परम्पराओ का आदर करना चाहिए।
#आज_इतना_ही।