*आशीष बुटेल शीघ्र लें संज्ञान*
*आशीष बुटेल शीघ्र लें संज्ञान*
वर्ष 1994 में माँ चामुंडा मंदिर का सरकार द्वारा अधिगृहण किया गया था ,उसके उपरान्त ही सरकार द्वारा न्यासी नामित किए जाने लगे। पूर्व दंत कथाओं के अनुसार मां चामुंडा देवी की मंदिर की अढ़ाई पौड़ियां डाढ गांव में पड़ती थीं और शेष मंदिर
वडोई ( जदरांगल) में पड़ता था इस कारण आधे न्यासी पालमपुर विधानसभा क्षेत्र व आधे नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से विधायकों द्वारा सुझाए जाने के उपरांत
सरकार द्वारा नामित किए जाते थे।
परिसीमन उपरांत बड़ोई ( जदरांगल) धर्मशाला विधान सभा क्षेत्र में चला गया व इसके उपरांत धर्मशाला, पालमपुर व नगरोटा बगवां विधान सभा क्षेत्रों से संवधित विधान सभा क्षेत्र के विधायकों द्वारा सुझाए गये सदस्यों को सरकार बतौर न्यासी नामित करती रही है।जो भी पार्टी यानि बी जे पी या कांग्रेस सत्ता में आई उन्होंने अपने आदमियों को जो ईमानदार प्रवृति के
हों इन विधान सभा क्षेत्रों से संबधित हों उन्हें न्यासी नामित करती आ रही है।
लेकिन पिछली सरकार के पांच साल से पालमपुर विधानसभा क्षेत्र से एक भी न्यासी नहीं था क्योंकि हमारे सममनीय विधायक जी विपक्ष में थे। पर अफसोस इस बार तो हमारे विधायक सतारूढ़ पार्टी से है पर
फिर भी पालमपुर विधानसभा क्षेत्र से एक भी न्यासी नहीं अभी तक नही बनाया गया है। जिसके चलते हम लोगों तथा मां के भक्तों में भारी रोष व आक्रोश है। पूर्व में रहे एक एक विद्वान पंडित जी का कहना है कि पालमपुर को मां का आशीर्वाद क्यों नहीं मिल रहा क्यों मन के आशीर्वाद से वंचित रखा जा रहा है यह बात समझ से परे हैं ।उन्होंने सुक्खू सरकार से उम्मीद जाहिर की है कि शीघ्र ही इस मंदिर के न्यास में पालमपुर को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए जिससे कि कुछ अच्छे सुझाव मंदिर के विकास के लिए मिल सके। लोगों ने पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल से भी इस विषय में शीघ्र अति शीघ्र संज्ञान लेने का आग्रह किया है।