सुख की सरकार का बिजली उपभोक्ताओ को तोहफ़ा।
22 नवम्बर 2024–( सुख की सरकार का बिजली उपभोक्ताओ को तोहफ़ा।
)– वर्तमान सरकार हिमाचल की जनता से 300 यूनिट मुफ़्त बिजली मुफ़्त देने का वायदा कर सत्ता मे आई थी। लेकिन सरकार ने एक साल मे तीन बार बिजली की दरें बढा कर हिमाचल की जनता के साथ बड़ा विश्वासघात किया है।प्रतिष्ठित दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार पहली अप्रैल मे नए बिजली टैरिफ मे बिजली की दरें बढी थी। इसके बाद सितंबर माह मे 300 यूनिट बिजली तक सब्सिडी देकर बिजली की दरों मे बढौतरी की गई थी। अब एक बार फिर हिमाचल मे बिजली की दरों पर दूध व पर्यावरण सैस लगा कर बिजली उपभोक्ताओ को झटका दिया गया है। इस सन्दर्भ मे अखबार की रिपोर्ट कहती है कि घरेलू उपभोक्ता पर प्रति यूनिट बिजली खपत पर 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिल्क सैस देना होगा।हालांकि पर्यावरण सैस अन्य उपभोक्ताओ को देना होगा। पर्यावरण सैस 2 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 6 रूपए तक तय किया गया है। एक बहुत दिलचस्प बात है कि यह सबसे अधिक 6 रूपए प्रति यूनिट इलैक्ट्रिक वाहनो के चार्जिंग स्टेशन पर लगेगा। मेरी समझ मे इस मे विरोधाभाष स्पष्ट झलकता है एक तरफ सरकार इलैक्ट्रिक व्हीकल को प्रोत्साहित करने की बात कर रही और इसे पर्यावरण फ्रेंडली बता रही है। कई सरकारे इलैक्ट्रिक व्हीकल को प्रोत्साहित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए टैक्सो मे छूट दे रही है। दूसरी तरफ हिमाचल मे सरकार चार्जिंग स्टेशन पर 6 रूपए प्रति यूनिट पर्यावरण सैस लगा रही है। इस सैस के चलते चार्जिंग महंगी होगी और इलैक्ट्रिक व्हीकल के मालिक निरूसहित होगें। काबिलेगौर है प्रदूषण फैलने वाले स्टोन क्रशरो पर सैस दर 2 रूपए प्रति यूनिट है। हिमाचल सरकार एक अद्भुत सरकार है यह बात शिमला जाने की करती है और सफर चडींगढ की बस मे करती है। खैर सुख की सरकार ने एक और तोहफ़ा नागरिको को दिया है और अधिसूचित कर भवनो के निर्माण के लिए नक्शे पास करवाना महंगा कर दिया है यानि फीस बढा दी गई है। सरकार दुग्ध उत्पादको को लाभ पहुंचाने के लिए नागरिको को देने वाली बिजली पर दुग्ध सैस लगा रही है। स्मरण रहे दुग्ध उत्पादक भी बिजली उपभोक्ता है और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बिजली उपभोक्ताओ पर सैस लगा रही है। यानि कि इन योजनाओ का सारा भार बिजली उपभोक्ताओ पर डाला जा रहा है। इस सैस से बढने वाली आय को सरकार अपनी आय के स्रोत की बढौतरी मान कर अपनी पीठ थपथपा रही है। यह ऐसा ही है मानो भेड़ो का मालिक उन्हे सर्दियो मे कंबल देने का वायदा कर उन्ही की ऊन से कंबल बना कर वायदा पूरा कर रहा हो।
आज इतना ही।