*Tricity Times Himachal brief headlines*


*Tricity Times Himachal brief headlines*
बिलासपुर:-हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के छोटे से गांव छड़ोल में रहने वाले साहिल सपुत्र नरेश कुमार ने यह साबित कर दिया है कि बड़े सपने देखने के लिए शहरों में रहना जरूरी नहीं। चंडीगढ़ की एक निजी कंपनी में काम करने वाले साहिल ने आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक स्थिरता पाने के लिए स्वरोजगार की राह चुनी। मत्स्य पालन का व्यवसाय अपनाकर साहिल ने न केवल खुद को एक नई पहचान दी बल्कि अपने गांव को भी विकास और प्रेरणा की मिसाल बना दिया। उनकी इस सफलता के पीछे हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग और पीएम मत्स्य संपदा योजना का अभूतपूर्व सहयोग रहा।
हमीरपुर:-शनिवार 23 नवंबर को आयोजित होने वाले हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के पांचवें दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए शुक्रवार शाम को सर्किट हाउस हमीरपुर में पहुंचे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल।
जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक आयोजित
शिमला:-अनुसूचित जाति / जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक बचत भवन में उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस बैठक में अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत न्यायालय में लंबित मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई। न्यायालयों में केवल 29 मामले अभी लंबित है। ये मामले 2018 से लेकर आज तक लंबित है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि एक सितंबर 2023 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक जिला शिमला के विभिन्न पुलिस थानों में पंजीकृत 39 मामले है।इसके अलावा 1 सितंबर 2023 से लेकर 31 अक्टूबर 2024 तक 34 पीड़ितों को राहत राशि प्रदान की गई है। इसके बारे में भी चर्चा की गई। नियमों के मुताबिक पीड़ितों को एक लाख रुपए से लेकर 8 लाख 25 हजार रुपए तक देने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि कानून के हिसाब से लोगों को न्याय दिलवाने के प्रयास किया जाएगा। लोगों के अधिकारों का हनन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। पुलिस मामले की जांच निर्धारित समय के हिसाब से करें। मामलों की जांच में किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए।
उन्होंने कहा समिति की बैठक भविष्य में निरंतर आयोजित होगी ताकि मामलों की समीक्षा समय-समय पर हो सके। आगामी दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में बैठक करवाने का निर्णय लिया गया। अनुसूचित जाति, जनजाति के आधार भेदभाव को लेकर लोगों जागरूक किया जाता है।। वहीं कानूनों के बारे में भी बताया जाता है।
धर्मशाला:-जन समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित करें अधिकारी: डीसी
इंदौरा में विकास कार्यों का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश
धर्मशाला, 22 नवंबर। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जनसमस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ें। शुक्रवार को इंदौरा में विकास कार्यों को लेकर उपमंडल स्तर के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि उपमंडल स्तर पर राजस्व संबंधी लंबित मामलों का भी मिशन मोड में निस्तारण सुनिश्चित करें तथा पटवार सर्किल स्तर पर मामलों की नियमित तौर पर माॅनिटरिंग की जाए। इसके पश्चात डीसी हेमराज बैरवा ने विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
ऊना:-आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 10 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
ऊना 22 नवम्बर. बाल विकास परियोजना ऊना तथा हरोली के अंर्तगत आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 10 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इनमें ऊना वृत के तहत 7 और हरोली वृत के अंतर्गत 3 पद हैं। सीडीपीओ हरोली शिव सिंह वर्मा ने बताया कि हरोली वृत में ग्राम पंचायत संतोषगढ़ के वार्ड 2 व 4, तथा 7, 8 9 के लिए 3 पद और ऊना वृत के तहत बसदेहड़ा के 13, सनोली राजपूत जट मुहल्ला 2, त्यूड़ी 3, भटोली 1, बदोली 1, बसोली नाले मुहल्ला तथा नंगल सलांगड़ी 1 में आंगनवाडी सहायिकाओं के 7 रिक्त पदों को भरने के लिए महिला उम्मीदवार 18 दिसम्बर, 2024 तक आवेदन कर सकती हैं। इन पदों के लिए कम से कम जमा दो उत्तीर्ण 18 से 35 आयुवर्ग और आंगनवाड़ी सर्वे क्षेत्र की स्थाई निवासी की महिलाएं पात्र होंगी। उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय सभी संसाधनों से 50,000 रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय प्रमाण पत्र संबंधित तहसील के तहसीलदार अथवा नायव तहसीलदार द्वारा जारी ही मान्य होगा।
किन्नौर:-इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड ने हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति विभाग के सहयोग से हमारी रसोई, हमारी जिम्मेदारी अभियान के तहत जागरूकता शिविरों का आयोजन किया। इन शिविरों का उद्देश्य बच्चों और आम जनता को एलपीजी सिलेंडर के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना था।
यह शिविर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिकांग पिओ में आयोजित किए गए। शिविर के दौरान इंडियन ऑयल के प्रबंधक हर्ष बोध ने छात्रों को संबोधित करते हुए एलपीजी सिलेंडर के उपयोग में बरती जाने वाली सावधानियों और सुरक्षा उपायों पर जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हमारी रसोई की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बच्चों को गैस रिसाव की स्थिति में तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया और गैस के सुरक्षित उपयोग के लिए जागरूक रहने का संदेश दिया।
इस अभियान ने बच्चों और शिक्षकों के बीच जागरूकता बढ़ाई और सुरक्षित गैस उपयोग को लेकर एक सकारात्मक संदेश दिया। इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों से समाज में सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंडी जिला में सर्दियों में किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां पूर्ण
अधिक बर्फबारी वाले क्षेत्रों में पांच माह के राशन का भंडारण: उपायुक्त
मंडी:-, 22 नवम्बर: मंडी जिला प्रशासन बर्फबारी के दौरान जिला में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। इस संदर्भ में उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपूर्व देवगन ने समस्त विभागों के जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्फबारी से पहले अपनी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान जिला में चौहार घाटी, सराज घाटी, शिकारी देवी, कमरूनाग क्षेत्र, रोहाण्डा, पंडार, बरोट, पराशर, थुनाग, जंजैहली तथा गाड़ागुसैणी इत्यादि क्षेत्रों में अत्याधिक बर्फबारी की संभावना रहती है। इन क्षेत्रों में जन-जीवन को सुचारू रखने व ग्रामीणों क्षेत्रों में बिजली-पानी व राशन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ यातायात सहित हर प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है।
धर्मशाला, 21 नवंबर। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिला कांगड़ा को स्वयंसेवियों के लिए प्रशिक्षण योजना लागू करने के लिए राज्य में प्रथम पुरस्कार दिया गया है। जिला कांगड़ा में 9500 से अधिक स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से प्रशिक्षित किया गया है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम बेहतरीन तरीके से कार्य कर रही है जिसके चलते ही राज्य स्तर पर कांगड़ा जिला के प्रयासों को सराहना मिली है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबन्धन हेतु पूर्व तैयारी व आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए ग्राम स्तर पर कमेटियों का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए पंचायती राज संस्थाओं, समुदाय आधारित संगठनों व ग्रामीण समुदाय को नियमित तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि आपदा के दौरान राहत तथा पुनर्वास के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।
