*खबर का असर: 7 मई 2023 से लेकर आज 9 दिसंबर 2024 तक कितने महीने बीत गए फिर जाकर कहीं यह खतरनाक पेड़ कट पाया*
खबर का असर
7 मई 2023 से लेकर आज 9 दिसंबर 2024 तक कितने महीने बीत गए फिर जाकर कहीं यह खतरनाक पेड़ कट पाया ।
बड़ी मेहनत करनी पड़ी बहुत सी खबरें लगानी पड़ी बहुत से फोन करने पड़े ,लोगों ने कई तरह के व्यवधान खड़े करने की कोशिश की है परंतु ट्राई सिटी टाइम्स की मेहनत रंग लाई और यह पेड़ कट गया।
धन्यवाद नेत्रा मैती IAS ,SDM पालमपुर जिन्होंने निजी रुचि लेकर इस पेड़ को कटवाने के लिए काफी मेहनत की तथा कई बाधाओं के बावजूद इस खतरनाक पेड़ को आज कटवा ही दिया ।🙏
अंतिम क्षण में भी कई बाधाएं आई ग्रीन ट्रिब्यूनल वालों के नाम पर कुछ लोग आगे आ गए NGO धमकियां देने लगे परंतु उन लोगों शायद यह पता नही कि इंसान की जान की कीमत ज्यादा है किसी पेड़ की कीमत से।
काश वे लोग आज इन 12 परिवारों के मन की शांति को टोह पाते, काश उनके दिलों में जो आज खुशी थी वह देख पाते। यहां की जो महिलाएं थी उनके लगभग आंसू छलक रहे थे कि आज हम सुकून की नींद सो पाएंगे क्योंकि आज से पहले रात को जरा सी भी हवा चलती थी तो ऐसा लगता था कि ना जाने कब यह पेड़ हमारे जीवन की इहलीला समाप्त कर देगा। क्योंकि इस सरकारी आवास में रहना उनकी मजबूरी थी खुशी नहीं ,और उनकी इस मजबूरी के ऊपर यह राक्षस रूपी पेड़ हमेशा उन्हें डराता रहता था उन्हें चैन की सुकून की नींद नहीं सोने देता था ।
एक बार नहीं कई बार यह है खबर ट्राई सिटी टाइम में लगाई गयी तथा ट्रिब्यून ने भी इसे कवर किया। कुछ विभाग नाराज भी हुए की एक ही मुद्दा लेकर घूम रहा है लेकिन खबर लिखने से पहले मैंने इस मुद्दे पर वहां पर रहने वाले सभी निवासियों के दुख को जाना था उनसे बात की तो कुछ लोगों ने बहुत ही भावुक व्याख्यान दिए थे । साथ ही वहां के निवासियों जो सभी सरकारी कर्मचारी हैं और पढ़े लिखे हैं ने कहा कि अगर यहां एक पेड़ कटा है तो हम यहां पर चार छह और पेड़ लगाकर उनकी देखभाल भी करेंगे।
बहुत मेहनत करनी पड़ी परंतु अंतत यह पेड़ कट गया है। आज 12 परिवार पूरे आराम से सकून की नींद सोएंगे। वहां पर रहने वाली महिलाओं कहा कि उनके बच्चों पर आज कोई खतरा नहीं एक बार फिर से नेत्रा मैती का धन्यवाद जिन्होंने निजी रूप से इसे रुचि लेकर कटवाया और एक संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ साथ इंसानियत की बहुत बड़ी सेवा की।
हमें यह जानकर बड़ी हैरानी हुई कि यह मुद्दा केवल 7 मई 2023 से ही नहीं उठा बल्कि यहां के बाशिंदों ने इस इमारत में रहने वाले सभी सरकारी एंप्लाइज ने 2018 से लेकर आज तक कई बार प्रार्थना पत्र दिए बहुत सी मानमनोबल किया परंतु इतना समय लम्बा समय लग गया इस छोटी सी समस्या को हल करने के लिए।
अब उम्मीद है SDM महोदया उन्हीं के ऑफिस में जो टॉयलेट्स का मुद्दा है जिसे ट्राइसिटी टाइम्स में कई बार उठाया गया है उसे पर भी ध्यान दिया जाएगा और वहां पर आने वाले लोगों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाई जाएगी।
इसकी कवरेज भी कई बार ट्राई सिटी टाइम्स में हो चुकी है।