*पंचरुखी से पाहड़ा के रोड को चौड़ा करने व दो लेन करने की मांग जोरशोर से उठी*
पंचरुखी से पाहड़ा के रोड को चौड़ा करने व डबल लेन करने की लोगो ने की मांग मंत्री यादवेंद्र गोमा से जनता को बहुत बड़ी आश।


*पंचरुखी से पाहड़ा के रोड को चौड़ा करने व डबल लेन करने की मांग जोरशोर से उठी*

पंचरुखी से पाहड़ा के रोड को चौड़ा करने व डबल लेन करने की लोगो ने की मांग मंत्री यादवेंद्र गोमा से जनता को बहुत बड़ी आश।
कांगड़ा जिले की पालमपुर तहसील की पंचरुखी क्षेत्र में वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद, पंचरुखी से पाहड़ा तक शहर की संकरी सड़कों को चौड़ा करने के प्रयास अभी तक बहुत कम रहे हैं, जिससे यातायात में भारी भीड़-भाड़ हो रही है।
पंचरुखी से पाहड़ा तक की सड़क को दो लेन बनाने की स्थानीय लोगों की मांग अब एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है। इस मार्ग पर अत्यधिक यातायात होने के कारण, सिंगल लेन सड़क पर अक्सर जाम और दुर्घटनाएं होती हैं। यदि इस सड़क को दो लेन में बदला जाए, तो न केवल यातायात की गति में सुधार होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा भी बढ़ेगी और लोगों को यात्रा करने में आसानी होगी।
यह मांग विशेष रूप से उन क्षेत्रों से उठ रही है, जहां से रोज़ाना बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं, जैसे पंचरुखी, पाहड़ा और आसपास के गांव। सड़क का सुधार न केवल स्थानीय लोगों की यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि यह पर्यटकों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी फायदेमंद होगा।
इसके अलावा, दो लेन सड़क का निर्माण स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार कर सकता है, क्योंकि बेहतर सड़कें व्यापारिक परिवहन और संपर्क को बढ़ावा देती हैं। पीक ऑवर्स में पंचरुखी मार्केट जैसे इलाकों में अक्सर जाम लग जाता है, और सड़क संकरी होने के कारण यातायात में अत्यधिक दबाव रहता है। इसे तत्काल चौड़ा करने की आवश्यकता है।
यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद, राजमार्ग की चौड़ाई पिछले 15 वर्षों से अपरिवर्तित है। लोग लंबे समय से सड़क को चौड़ा करने और बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने यातायात की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए सड़क को चौड़ा करने का वादा किया है।
लोक निर्माण विभाग को पंचरुखी से पाहड़ा तक की सड़क को दो लेन में अपग्रेड करने की पहल करनी चाहिए, ताकि यातायात समस्याओं और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आए। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा के लिए मोटरसाइकिलों और स्कूटरों के लिए फुटपाथ और अलग लेन बनाने पर भी विचार किया जाना चाहिए।
इस मांग पर प्रशासन और हिमाचल सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
