Editorial:संसद_ठप_सरकार_बनाम_विपक्ष: लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री


16 दिसंबर 2024–(#संसद_ठप_सरकार_बनाम_विपक्ष)-

संसदीय लोकतंत्र मे संसद सबसे महत्वपूर्ण ईकाई है। यहां पर हर समस्या और हर विषय पर चर्चा होती है। संसद के दोनो सदन वाद-विवाद, चर्चा और विधान बनाने के केन्द्र है। यह वह मंच है जहां पर प्रतिनिधियों के माध्यम से लोगो की आवाज को सुना जाता है और सरकार को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है, लेकिन मेरी समझ मे यह भ्रम मात्र है क्योंकि सत्र दर सत्र देखने को मिल रहा है कि संसद की कार्रवाई ठप्प रहती है। मेरे विचार मे आज भी भारत मे बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई, बढ़ता सामाजिक तनाव और बढ़ते अपराध ऐसे मुद्दे है जिन पर संसद मे गहन चर्चा होनी चाहिए और इसका समाधान होना चाहिए, लेकिन वहां अमरिका मे अडानी को आरोपी बनाए जाने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार अडानी को बचा रही है। उधर सरकार और भाजपा इसका जवाब कांग्रेस के प्रथम परिवार के संबंध जार्ज सोरोस से बता कर आरोप लगा रहे है कि जार्ज सोरोस के साथ साँठगाँठ कर देश को अस्थिर करने के लिए उसके भारत विरोधी एजेंडे मे वे उसके साथ है।
प्रतिष्ठित दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार भाजपा द्वारा सोरोस का मुद्दा बनाने के बाद समाजवादी और तृणमूल कांग्रेस ने स्वयं को कांग्रेस से अलग कर दिया है। उनका कहना है कि अडानी के मुद्दे से अधिक महत्वपूर्ण हमारे मुद्दे है संभल स्थित मस्जिद का सर्वेक्षण, किसान,बंग्लादेश और मणिपुर। यह बात दर्ज करने काबिल है कि सांसदो का काम है कानून पारित करना और विभिन्न समस्याओ और विषयो पर चर्चा कर समाधान निकलना। वह वहां जाकर यह भूल जाते है कि संसद लोकतंत्र का मन्दिर है और इसे चलाने के लिए सरकार के या करदाताओ के करोड़ों रूपए खर्च हो रहे है। मेरा ब्लॉग पहले भी इस ओर पाठको का ध्यान आकर्षित कर चुका है कि लोकतंत्र का यह मंदिर मछली मार्केट मे परिवर्तित हो चला है। मेरा स्पष्ट मानना है कि संसद चले और वहां सार्थक चर्चा हो इसकी जिम्मेदारी दोनो यानी सत्तापक्ष और विपक्ष की है, लेकिन सत्तारूढ दल की निश्चित तौर पर अधिक जिम्मेदारी है। मेरे विचार मे अगर सरकार के पास अडानी के मामले मे कुछ छुपाने को नही है तो उसे आगे आ कर संसद मे अधिकारिक ब्यान देना चाहिए। रही बात जार्ज सोरोस की अगर सरकार के पास देश को अस्थिर करने की पुख्ता जानकारी है तो सरकार या एन.आई.ए सभी षड्यंत्र करने वालो की जांच करे और जरूरी हो तो केस रजिस्ट्र करें। अन्यथा इस संसद मे होने वाले शोर शराबे के चलते यह संसद अप्रासंगिक होती जा रही है।
#आज_इतना_ही।