

ऑफिसर इन डिमांड: इंजीनियर अनिल वर्मा अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग पालमपुर, जब अधिकारी खुद बनें समाधान का हिस्सा

पालमपुर जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता ने एक ऐसा सराहनीय कार्य किया है, जो अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा बन सकता है। उन्होंने अपने कार्यालय के बाहर बाउंड्री वॉल को दो तीन फीट पीछे खिसकाकर सड़क पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बना दिया। इससे पहले यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती थी, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
इस समस्या का समाधान बिना किसी राजनीतिक दबाव या सिफारिश के किया गया। यह दर्शाता है कि अगर अधिकारी जनता की सुविधा को प्राथमिकता दें, तो बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के भी प्रभावी परिवर्तन किए जा सकते हैं।
यह पहल इस बात का प्रमाण है कि अगर सभी सरकारी अधिकारी इसी तरह तत्परता से कार्य करें, तो आम जनता को बार-बार नेताओं और जनप्रतिनिधियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऐसे जागरूक और संवेदनशील अधिकारियों की समाज में हमेशा जरूरत होती है। जल शक्ति विभाग पालमपुर के इस निर्णय से न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था सुगम हुई है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास भी मजबूत हुआ है।
ऐसे कर्मठ और ईमानदार अधिकारियों को समाज सलाम करता है, जो जनता की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए कार्य करते हैं। यदि हर विभाग में इस तरह की कार्यशैली अपनाई जाए, तो आम नागरिकों को अनावश्यक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
लेकिन शायद पीडब्ल्यूडी में ऐसा नहीं होता क्योंकि ग्रैंड प्लाजा से लेकर नेहरू चौक तक सड़क के साथ जो नाली बनी हुई है और यह नाली इतनी गहरी व गन्दी है की यदि पीछे से कोई गाड़ी हॉर्न बजा दे तो पैदल चलने वाला व्यक्ति डर के उसमें गिरकर अपनी टांग तुुुड़वा सकता है हेड इंजरी करवा सकता है या भयानक दुर्घटना का शिकार हो सकता है या कोई तेज रफ्तार गाड़ी यहां पर किसी पैैैदल चलने वाले की,दुपहिया वाहन वाले की जान ले सकती है।
पैदल चलने वाले अपनी जान बचाने के लिए नाली में घुसता है ,गंदगी में घुसता है ,तो कई बार ट्रैफिक जाम लगता है वह अलग से । यदि इस नाली को को सही ढंग से भी V SHAPE में बना दिया जाए तो ना ट्रैफिक जाम रहेगा ना ही पैदल चलने वाली की जान को खतरा परंतु ऐसी सोच रखे कौन ?
शायद पीडब्ल्यूडी की वरीयता लिस्ट में इस तरह के कार्य नहीं आते । लोगों को कहना है कि अभी हाल ही में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास एक डंगा गिर गया था उसे लगाने में विभाग ने इतनी तत्परता दिखाई जैसे वहां पर न जाने कितनी अधिक ट्रैफिक है और कितने लोगों की जान को खतरा है और कितने ही लोगों को असुविधा हो रही है लोगों के अनुसार वह डंगा अगर 6 ,8 महीने या साल भर ना भी लगता तो भी कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला था परंतु इस तरह के प्रायोरिटी के काम पहले होने चाहिए 😀 इसके लिए सोच भी तो होनी चाहिए यही जनता का कहना है।
पहले भी ट्राई सिटी टाइम में इस तरह की न्यूज़ लगाई गई थी माननीय विधायक जी के संज्ञान में भी है मामला लाया गया था परंतु pwd है कि मानती नहीं वह तो अपने को सबसे सुपर समझते हैं।