*पालमपुर का म्यूजिकल फाउंटेन: राजनीतिक रंजिश या प्रशासनिक लापरवाही की मिसाल*
पालमपुर के नागरिकों का कहना है कि राधा सूद का विजन बहुत दूरदर्शी था परंतु आज के जो नगर निगम के कर्णधार व प्रतिनिधि और जिम्मेवार लोग हैं उनकी दूरदृष्टि उससे भी अधिक है ,अगर इस फाउंटेन पर इनकी दूरदृष्टि पड़ गई तो बहुत जल्दी यह फाउंटेन शुरू हो जाएगा😊


पालमपुर का म्यूजिकल फाउंटेन: राजनीतिक रंजिश या प्रशासनिक लापरवाही की मिसाल?

पालमपुर के सीता राम पार्क में स्थित नगर निगम कार्यालय के सामने लगा म्यूजिकल फाउंटेन आज भी जर्जर हालात में खड़ा है। यह फाउंटेन न केवल शहर की बदहाल सार्वजनिक व्यवस्था का प्रतीक बन गया है, बल्कि राजनीतिक षड्यंत्रों और प्रशासनिक उदासीनता की कहानी भी बयां कर रहा है। पांच साल पहले तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्षा राधा सूद के सपनों को साकार करने वाले इस प्रोजेक्ट को आज तक चालू नहीं किया गया, जबकि इसके लिए राज्य के खजाने से 6 लाख रुपए खर्च किए गए थे।
यह एक सुनहरा सपना था,जिसे सिरे नहीं चढ़ने दिया गया
2019 में राधा सूद ने इस फाउंटेन को पालमपुर की सुंदरता और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित किया था। परीक्षण सफल रहा, और योजना थी कि सेक्टर 17 जैसा आकर्षण यहाँ भी होगा। लेकिन 2021 में नई नगर निगम कॉर्पोरेशन के गठन के बाद, राजनीतिक कारणों से या न जाने क्यों इसे क्यों निष्क्रिय कर दिया गया।
जनता का पैसा, प्रशासन की लापरवाही का यह उत्कृष्ट उदाहरण है
फाउंटेन महज तीन महीने चला और फिर बन्द हो गया टूट गया। चार साल से न तो इसे ठीक किया गया, न ही पार्क की सफाई पर ध्यान दिया गया। अब यहाँ गंदे पानी और कूड़े की बदबू से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि “निगम कार्यालय के सामने खड़ा यह फव्वारा प्रशासन की संवेदनहीनता का प्रतीक है।
लोग बूम बैरियर बनाम फाउंटेन प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं।लोगों का कहना है कि निगम ने पार्क के बजाय बड़े-बड़े गेट और बूम बैरियर लगवाए, जिनका उद्देश्य संदिग्ध है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पालमपुर में अब पर्यटक सीजन शुरू होने वाला है परंतु पालमपुर में ऐसा कोई स्थान नहीं जहां पर पर्यटक इकट्ठे होकर थोड़ी सी सकून के दो पल बिता सके म्यूजिकल फाउंटेन का मजा ले सके। यह एक अच्छी जगह थी यहां पर स्पेस में काफी है अगर शासन प्रशासन दूर दृष्टि से काम लेता तो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत अच्छा स्थान बन सकता था ।यदि पर्यटक लोग शाम को बाजार से आकर यहां पर थोड़ा सा म्यूजिक सुन ले या शासन प्रशासन कोई ऐसा इंतजाम करें कि लोकल आर्टिस्ट लोग यहां पर आकर अपनी परफॉर्मेंस दे सके तो यह कितना बेहतर होगा आप सोच ही सकते हैं
इसका जीवंत उदाहरण सेक्टर 17 का म्यूजिकल फाउंटेन और अन्य जगहों के म्यूजिकल फाउंटेन है जहां पर स्थानीय कलाकार अपनी परफॉर्मेंस देते हैं और लोगों का मनोरंजन करते हैं साथ ही उनके खुद की प्रमोशन भी होती है।
तीन साल से निष्क्रिय फाउंटेन ने लोगों को पुरानी नगर परिषद की याद दिला दी है। पुरानी नगर परिषद के विजन और रीजन की को लोग अब याद कर रहे हैं
नगर निगम ने हाल ही में एक “सौंदर्यीकरण अभियान” की घोषणा की है, जिसमें फाउंटेन को ठीक करने का वादा किया गया है। पर जनता को संदेह है कि क्या यह वादा भी खोखला साबित होगा। सामाजिक कार्यकर्ता अमिता शर्मा का कहना है, *”अगर प्रशासन को सच में शहर से प्यार है, तो वह इस फाउंटेन को फिर से जिंदा करे, ना की नए ठेके शुरू करे।”
पालमपुर का म्यूजिकल फाउंटेन सिर्फ एक फव्वारा ही नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और प्रशासनिक जवाबदेही का प्रतीक है। यदि इसे नहीं संभाला गया, तो यह साबित होगा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक रंजिश के आगे जनता के सपनों को ताक पर रखने से नहीं हिचकते।