*शनि सेवा सदन और परविंदर भाटिया: एक दुर्घटनाग्रस्त जीवन को नया अर्थ देने की मिसाल*


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*शनि सेवा सदन: समाज के लिए एक मिसाल, परविंदर भाटिया के नेतृत्व में अमर सेवा-भाव*

पालमपुर की पहचान बन चुके **शनि सेवा सदन ने निस्वार्थ सेवा और मानवता के प्रति समर्पण का जो उदाहरण पेश किया है, वह पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए प्रेरणादायी है। संस्था के प्रमुख श्री परविंदर भाटिया के नेतृत्व में यह संगठन गरीबों, बीमारों, और जरूरतमंदों के लिए न केवल आशा की किरण बना है, बल्कि समाज में परोपकार की नई परिभाषा भी गढ़ रहा है। अभी पिछले हफ्ते ही भवारना में एक व्यक्ति नरेंद्र सूद को किसी बाइक वाले ने टक्कर मार दी जिससे वे बुरी तरह से घायल हो गए उन्होंने भाटिया जी को फोन किया और भाटिया जी ने उन्हें सिविल अस्पताल में एडमिट करवाया दो-तीन दिन तक उन्हें सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में रखा गया लेकिन बीमारी के गंभीरता को देखते हुए उन्हें डॉक्टर ने कहीं और अच्छे हॉस्पिटल में ले जाने की सलाह दी।
दुर्घटना: जब टूट गईं नरेंद्र सूद की टांग
नरेंद्र सूद एक सड़क दुर्घटना का शिकार हुए, जिसमें उनकी एक टांग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्हें तुरंत पालमपुर सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उनके घावों की जटिलता देखते हुए इलाज से हाथ खींच लिए। नरेंद्र और उनके परिवार के सामने अंधेरा छा गया। ऐसे में शनि सेवा सदन के प्रमुख परविंदर भाटिया ने उनकी पुकार सुनकर कदम बढ़ाया।
भाटिया जी ने नरेंद्र सूद के मामले को तुरंत गंभीरता से लिया और उन्हें सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज करवा कर उन्हें दत्तल हॉस्पिटल, मारंडा में भर्ती करवाया। यहां डॉ. चंद्रजीत सिंह दत्तल (ऑर्थोपेडिक सर्जन) और डॉ. गंभीर सूद (एनेस्थिसियोलॉजिस्ट) की टीम ने करीब पांच घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन में नरेंद्र की टांगों को बचाने का चमत्कार कर दिखाया। डॉ. गंभीर सूद ने इस केस में अपनी फीस नहीं ली तथा डॉक्टर दत्तल ने भी शनि सेवा सदन के कहने से फीस तथा अन्य खर्च नहीं लिए केवल मात्र कुछ दवाइयां के थोड़े से पैसे भाटिया जी ने उन्हें दिए लगातार तीन घंटे तक मरीज की निगरानी की, जिससे सर्जरी सफल रही। इस केस में डॉक्टर दतल और डॉक्टर गंभीर सूद का अहम रोल रहा था उन्होंने मानवता की एक अनूठी में मिसाल प्रस्तुत की
डॉक्टरों ने बताया कि नरेंद्र सूद जल्द ही चलने-फिरने लायक हो जाएंगे। यह घटना न केवल एक जीवन का उद्धार है, बल्कि उस समाज के लिए आईना भी है जहां पैसों के अभाव में इलाज से वंचित लोगों को शनि सेवा सदन जैसे संगठन ही सहारा देते हैं।
सेवा की बुलंद मिसाल: शिक्षा से स्वास्थ्य तक
शनि सेवा सदन की पहल केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है। संस्था ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है। हर वर्ष, सैकड़ों गरीब बच्चों को **मुफ्त शिक्षा सामग्री, स्कूल यूनिफॉर्म, जूते, और छात्रवृत्तियां** प्रदान की जाती हैं। इसके पीछे भाटिया जी का विश्वास है कि “शिक्षा ही वह हथियार है जो समाज की जड़ों से गरीबी मिटा सकता है।”
कन्यादान: सम्मान से जीवन की नई शुरुआत
संस्था की फूलां देवी कड़ोल शादी शगुन योजना के तहत कई परिवारों का दर्द हरा है। गरीबी के कारण जिन लड़कियों की शादी में अड़चन आती थी, शनि सेवा सदन ने उनके विवाह का पूरा खर्च वहन कर उन्हें नया जीवन दिया। अब तक 500 से अधिक कन्याओ को इस योजना का लाभ मिल चुका है। एक पिता की भावुक प्रतिक्रिया थी: “भाटिया साहब ने न केवल मेरी बेटी की शादी की, बल्कि मेरे परिवार का सम्मान बचाया।”
आपातकाल में संजीवनी: ऑक्सीजन से लेकर नेत्र रोशनी तक
महामारी के दौरान जब ऑक्सीजन की कमी से लोग तड़प रहे थे, शनि सेवा सदन ने मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर सैकड़ों जानें बचाईं।
इसके अलावा, Rotary Eye Hospital, मारंडा** के साथ मिलकर मोतियाबिंद ऑपरेशन के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनसे 100 से अधिक लोगों की दृष्टि वापस मिली।
नेतृत्व की मिसाल: परविंदर भाटिया का समर्पण
18 वर्षों से अधिक समय से समाज सेवा में सक्रिय परविंदर भाटिया का मानना है कि “सेवा वह भाषा है जिसे हर दिल समझता है।”* उनके नेतृत्व में संस्था ने डॉ. शिव कुमार पेंशन योजना शुरू की, जिसके तहत 200 से ज्यादा बुजुर्गों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता पेंशन व राशन मिलता है। भाटिया जी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज शनि सेवा सदन सफ्ताहिक भंडारे का आयोजन कर रहा है और आपदा राहत जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हर वर्ग तक पहुंच रहा है।
समाज की आवाज़: जनता की प्रशंसा
स्थानीय निवासी रमेश शर्मा कहते हैं, “भाटिया जी ने कहा कि सेवा धर्म सबसे बड़ा धर्म है।”* वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता नीता ठाकुर उनकी पारदर्शिता की प्रशंसा करती हैं: “हर दान की जानकारी सार्वजनिक होती है, यही उनकी विश्वसनीयता का राज है।”
भविष्य की योजनाएं: स्वावलंबन की ओर कदम:-
शनि सेवा सदन शीघ्र ही एक वृद्ध वरदान वृद्ध आश्रम खोलने जा रहा है जिसमें बेसहारा बुजुर्गों को सहारा मिलेगा तथा वहां पर उनका खान-पान रहन-सहन दवा इलाज का मुक्त प्रबंध होगा जिसके लिए भूमि का चयन कर लिया गया है तथा शीघ्र ही यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और यह वृद्ध वरदान आश्रम 1 साल के भीतर सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर देगा ।
इसके अतिरिक्त अप्रैल महीने में एक फ्री एम्बुलेंस सेवा का भी शुरू करने की योजना है जिसके लिए दुबई से चंचल सूद के सुपुत्र राजा सूद ने फ्री एम्बुलेंस देने का वादा किया है जिसका प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और शीघ्र ही ये एंबुलेंस अप्रैल माह में सुचारू रूप से चलना शुरू कर देगी जिसमें कांगड़ा धर्मशाला जोगिंदर नगर तक फ्री सेवा दी जाएगी।

निष्कर्ष: मानवता की जीत का प्रतीक
शनि सेवा सदन और परविंदर भाटिया व उनकी टीम का संघर्ष साबित करता है कि समर्पण और ईमानदारी से की गई सेवा किसी भी समस्या का समाधान बन सकती है। उनका यह सफर न केवल पालमपुर, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि *”जब इंसानियत साथ हो, तो कोई मुश्किल असंभव नहीं।”*
शनि सेवा सदन: जहाँ सेवा है संस्कार, और मानवता है धर्म।
जय श्री कृष्णा
जय शनि देव