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*खबर का असर: ट्राई सिटी टाइम्स की रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई, सिविल अस्पताल पालमपुर में डॉक्टर चक्रवर्ती ने दिखाई प्रशासनिक सूझबूझ*

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खबर का असर: ट्राई सिटी टाइम्स की रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई, सिविल अस्पताल पालमपुर में डॉक्टर चक्रवर्ती ने दिखाई प्रशासनिक सूझबूझ

Tct ,bksood, chief editor

पालमपुर, 30 मई –
ट्राई सिटी टाइम्स द्वारा कुछ दिन पहले प्रकाशित की गई एक विशेष रिपोर्ट ने सिविल अस्पताल पालमपुर में एक सकारात्मक परिवर्तन की नींव रख दी है। यह रिपोर्ट इस गंभीर समस्या की ओर इशारा करती थी कि कई अस्पतालों में आम लोग अपनी गाड़ियाँ इस प्रकार खड़ी कर जाते हैं कि एंबुलेंस का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। ऐसी स्थिति में, जब मरीज को आपातकालीन स्थिति में तुरंत रेफर किया जाना होता है, तो अमूल्य समय बर्बाद होता है — और कई बार मरीज की जान तक खतरे में पड़ जाती है।

इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया था कि वाहन मालिक अक्सर अपनी गाड़ियों पर मोबाइल नंबर अंकित नहीं करते, जिससे आपात स्थिति में उन्हें संपर्क कर बुलाना संभव नहीं हो पाता। यह लापरवाही अस्पताल प्रशासन, स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है।

डॉ. चक्रवर्ती ने दिखाई तत्परता और संजीदगी
सिविल अस्पताल पालमपुर के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. चक्रवर्ती ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए तुरंत प्रभाव से अस्पताल परिसर में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने अस्पताल की पार्किंग में स्पष्ट निर्देशों वाले बोर्ड लगवाए हैं, जिनमें वाहन चालकों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी गाड़ी में अपना संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से अंकित करें या एक पर्ची में मोबाइल नंबर छोड़ कर जाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में उनसे त्वरित संपर्क स्थापित किया जा सके।

डॉ. चक्रवर्ती की यह सूझबूझ और प्रशासनिक सक्रियता न केवल मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि पूरे अस्पताल परिसर में व्यवस्था को अधिक अनुशासित और उत्तरदायी बनाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण
ट्राई सिटी टाइम्स, डॉ. चक्रवर्ती की इस त्वरित और दूरदर्शी पहल की सराहना करता है। यह न केवल एक उदाहरण है कि मीडिया रिपोर्टों का जमीनी असर कैसे होता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जब प्रशासन जिम्मेदारी के साथ काम करता है, तो समाज में तुरंत सकारात्मक बदलाव संभव हैं।

हमें उम्मीद है कि हिमाचल प्रदेश के अन्य अस्पतालों के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट भी इस पहल से प्रेरणा लेंगे और अपने-अपने संस्थानों में इसी तरह की व्यवस्थाएं लागू करेंगे ताकि एंबुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं को कभी भी अवरोध का सामना न करना पड़े।

यह एक छोटी सी पहल दिख सकती है, लेकिन इसके पीछे का उद्देश्य जीवन रक्षक है। ट्राई सिटी टाइम्स पुनः एक बार डॉ. चक्रवर्ती को धन्यवाद देता है और आम जनता से भी अपील करता है कि अस्पतालों में गाड़ी खड़ी करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उनकी लापरवाही किसी की जिंदगी पर भारी न पड़े।

— बी.के. सूद, चीफ एडिटर, ट्राई सिटी टाइम्स

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