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*”जॉब ट्रेनी ” पॉलिसी के विरुद्ध पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने महामहिम राज्यपाल को लिखा पत्र*

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“जॉब ट्रेनी ” पॉलिसी के विरुद्ध पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने महामहिम राज्यपाल को लिखा पत्र.

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प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पूर्व Himachal Pradesh Recruitment and Conditions of Government Employees Act, 2024 में परिवर्तन लाते हुए नयी पॉलिसी लागू की है । जिसके कि तहत सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में ग्रुप-ए, बी, और सी के पदों पर नई भर्तियों में पूर्व में दो वर्ष की अनुबंध नीति के स्थान पर अब चयनित उम्मीदवारों को पहले दो साल तक जॉब ट्रेनी के रूप में काम करना होगा।
यह दो वर्ष की अवधि केवल प्रशिक्षण की अवधि मानी जायेगी और इस दौरान वे नियमित सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। इस दरमियान उन्हें निश्चित मासिक राशि दी जाएगी। इस कर्मचारी विरोधी नीति के अन्तर्गत नियमित कर्मियों की तर्ज पर मिलने वाले वित्तीय लाभ व अन्य पात्रता जैसे पेंशन, अवकाश नियम, या अन्य भत्तों के ये हकदार नही होंगे । जाब ट्रेनी के रूप में दो वर्ष कार्य करने के उपरान्त इन्हें नियमित होने के लिए फिर से परीक्षा उतीर्ण करनी होगी।
इस नीति के विरुद्ध कड़ा ऐतराज जताते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ यह सीधा सीधा खिलवाड है और यह पिछले दरवाजे से अपने चहेते लोगों को सरकारी नौकरियों मे भर्ती अर्थात समायोजन का कुचक्र एवं षड्यंत्र है । क्योंकि पहले चरण में भर्ती प्रक्रिया सपष्ट नहीं है और दो वर्ष जॉब ट्रेनी के रूप मे कार्य करने के पश्चात चयनित उम्मीदवारों का भविष्य विभागाध्यक्षों के हाथों सौंप दिया है जिससे उनका शोषण होना निश्चित है ।
पत्र में पूर्व विधायक ने महामहिम राज्यपाल महोदय से सादर अनुरोध किया है कि इस नयी नीति के मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रदेश सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करने के लिए साथ ही किसी भी तरह की आउट सोर्स, अनुबंध या जाब ट्रेनी जैसी युवा विरोधी नीतियों के स्थान पर नियमित नियुक्तियों हेतु नीति बनाने की राय सुझाव व मार्गदर्शन अर्थात आदेश जारी करने की कृपा करें ।

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