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*मोहाली खरड़ की हाउसिंग सोसायटीज़ बनीं असुरक्षा का गढ़*

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*मोहाली खरड़ की हाउसिंग सोसायटीज़ बनीं असुरक्षा का गढ़*

ट्राइसिटी की हाउसिंग सोसायटीज़ पर संकट: क्या मोहाली प्रशासन और पुलिस आंखें मूंदे हुए हैं?

मोहाली। ट्राइसिटी में तेजी से उभर रही हाउसिंग सोसाइटीज़ अब आम नागरिकों के लिए सिरदर्द और सुरक्षा संकट का कारण बनती जा रही हैं। एसबीपी सिटी ऑफ़ ड्रीम्स के आरडब्ल्यूए (RWA) के पूर्व प्रेसिडेंट रोहित सेठी ने शासन और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार और पुलिस का असली काम नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है या फिर केवल बिल्डरों और गलत तत्वों को संरक्षण देना। उन्होंने कहा कि सोसाइटीज़ में फायर सेफ़्टी, लिफ्ट और पावर बैकअप, गेट सिक्योरिटी और लोगों की जान-माल की सुरक्षा जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं की भारी कमी है। कई जगहों पर सीवरेज और पीने के पानी तक की समस्या बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

सेठी ने आरोप लगाया कि बिल्डर प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद भी completion certificate देने से बच रहे हैं, जिसके कारण आरडब्ल्यूए का गठन प्रभावित हो रहा है। जहां समितियां बनी भी हैं, वहां बिल्डरों द्वारा कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर आरडब्ल्यूए को परेशान करने के मामले सामने आ रहे हैं। इस स्थिति ने निवासियों को असमंजस और परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रशासन ने बिल्डरों को खुली छूट दे रखी हो कि वे मनमानी करें और निवासी अपने ही घरों में असुरक्षित महसूस करें।

सबसे गंभीर समस्या यह है कि कई फ्लैट मालिक अपने मकान ऐसे किराएदारों को दे रहे हैं, जो सोसाइटी और आरडब्ल्यूए के नियमों का उल्लंघन कर अवांछित गतिविधियों में शामिल पाए जा रहे हैं। इस कारण सोसाइटी का माहौल बिगड़ रहा है, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है और सभ्य परिवार चैन से रह नहीं पा रहे। सेठी ने रेंट आउट एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि कई एजेंसियां बैचलर्स या अन्य लोगों को फ्लैट दिलवाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ और झूठे सर्टिफिकेट तैयार करवाती हैं। ये एजेंसियां न केवल फ्लैट मालिकों को गुमराह कर रही हैं बल्कि सोसाइटी में अवांछित तत्वों को बसाकर पूरे वातावरण को बिगाड़ रही हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसी एजेंसियों की तुरंत जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

सेठी ने बताया कि उन्होंने प्रशासन और पुलिस से कई बार संपर्क किया, शिकायतें दीं और यहां तक कि छापे भी मरवाए, लेकिन उसके बावजूद कोई असरदार कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि पुलिस का काम केवल कागजों में कार्रवाई दिखाना रह गया है, जबकि जमीनी स्तर पर हालात जस के तस बने हुए हैं। आखिर क्यों इन एजेंसियों और अवांछित किराएदारों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा और क्यों नागरिकों की शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन्होंने साफ कहा कि अब प्रशासन को तुरंत सख्त कदम उठाने होंगे। जिन फ्लैट मालिकों ने जानबूझकर गलत किराएदारों को जगह दी है, उनके खिलाफ कार्रवाई हो। रेंट आउट एजेंसियों की जांच की जाए और फर्जीवाड़ा करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए। साथ ही पुलिस रोज़ाना निगरानी करे ताकि परिवार सुरक्षित महसूस कर सकें। सेठी ने कहा कि हमारी जिंदगी भर की कमाई इन फ्लैट्स में लगी है। अगर यहां भी हमें सुरक्षा और सामाजिक न्याय नहीं मिलेगा, तो इन कॉलोनियों का क्या मतलब रह जाएगा। सेठी ने कहा कि कुछ लोग विशेष रूप से एकल ,महिला और बुजुर्ग लोग इन सोसाइटियों में सुरक्षा के लिहाज से ही  सोसाइटीज में शिफ्ट करते हैं लेकिन यहां पर सुरक्षा के नाम पर केवल खाना पूर्ति होती है और कुछ अवांछित तत्व सरेआम तांडव नृत्य करते हुए दिखते हैं। जो सभ्य समाज के माथे पर कलंक है

अंत में सेठी ने सवाल किया कि अब यह सिर्फ एक सोसाइटी का मुद्दा नहीं बल्कि पूरे शहर की सुरक्षा का मामला है। क्या मोहाली पुलिस और प्रशासन अब भी चुप रहेंगे या फिर आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएंगे? अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो जनता यही समझेगी कि सरकार और प्रशासन इस स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं और नागरिकों को असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर छोड़ दिया गया है।

 

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