*सुभाष नर्सिंग कॉलेज का सिविल अस्पताल पालमपुर में बड़ा योगदान*


सुभाष नर्सिंग कॉलेज का सिविल अस्पताल पालमपुर में बड़ा योगदान.

नर्सिंग छात्राओं के सहयोग से अस्पताल में सेवा व्यवस्था सुचारु
पालमपुर, 3 अगस्त:
सिविल अस्पताल पालमपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाए रखने में सुभाष नर्सिंग कॉलेज, पालमपुर का लगातार योगदान सामने आ रहा है। जब से इस कॉलेज की नर्सिंग छात्राएं अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं, तब से अस्पताल की कार्यप्रणाली में बड़ा सुधार देखा गया है।
पूर्व में अस्पताल की स्थिति काफी सीमित संसाधनों में संचालित होती थी। महज 25 से 30 नियमित नर्सों के बल पर पूरे अस्पताल की व्यवस्था चल रही थी। इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, IPD, OPD, गंभीर रोगियों की देखभाल — सब कुछ इन्हीं सीमित नर्सों के कंधों पर था। इनमें से कई नर्सें डबल शिफ्ट में ड्यूटी करती थीं।
काम का बोझ इतना अधिक था कि चाय या पानी पीने का समय भी नसीब नहीं होता था।
सुभाष नर्सिंग कॉलेज के आगमन के बाद बदलाव
सुभाष नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं। वर्तमान में दर्जनों छात्राएं अस्पताल के विभिन्न विभागों में तैनात हैं। इससे अस्पताल की नर्सिंग ताकत लगभग दोगुनी हो गई है।
इन नर्सिंग छात्राओं की भूमिका केवल सीखने तक सीमित नहीं है। वे अस्पताल की नियमित सेवाओं का हिस्सा बन चुकी हैं।
ये छात्राएं न केवल मरीजों की देखभाल करती हैं, बल्कि निम्न कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं:
इमरजेंसी में डॉक्टर को असिस्ट करना
वार्ड में भर्ती मरीजों की दवाइयां और फॉलोअप देखना
ब्लड प्रेशर, शुगर, IV सेट, इंजेक्शन आदि तकनीकी कार्य करना
पर्ची बनवाने में मरीजों की मदद
मरीज और तीमारदारों को डॉक्टर या जांच कक्ष तक पहुंचाना
रूटीन चार्ट मेंटेन करना, फाइल अपडेट करना, जांच रिपोर्ट संभालना
कभी-कभी अटेंडेंट की तरह देखभाल में भी भाग लेना
सिविल अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि,
“अगर सुभाष नर्सिंग कॉलेज की ये छात्राएं ना होतीं, तो स्टाफ का वर्कलोड संभालना बेहद मुश्किल हो जाता। इन्होंने मरीजों को भी राहत दी है और हमारे स्टाफ को भी सहयोग दिया है।”
उन्होंने कहा कि छात्राएं पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ कार्य करती हैं, और अस्पताल में अनुशासन, सहानुभूति और सेवाभाव का वातावरण बना हुआ है।
कॉलेज के निदेशक भुवनेश सूद ने कहा कि उनका उद्देश्य न केवल डिग्री देना है, बल्कि छात्रों में सेवा का संस्कार भी विकसित करना है।
“हम मानते हैं कि नर्सिंग सिर्फ एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि एक समर्पण है। हम चाहते हैं कि हमारी छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ समाज की सेवा में भागीदार बनें।”
सुभाष नर्सिंग कॉलेज द्वारा दी जा रही सेवाएं सिविल अस्पताल पालमपुर के लिए साहारा बन चुकी हैं। जहां पहले सीमित नर्सों पर पूरा अस्पताल निर्भर था, आज वहां प्रशिक्षु छात्राओं का सहारा उपलब्ध है — जिससे न केवल स्टाफ को राहत मिली है, बल्कि मरीजों को बेहतर और संवेदनशील देखभाल भी मिल रही है।
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