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*सेवा का वटवृक्ष — मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा ने मनाया 40वां स्थापना दिवस*

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सेवा का वटवृक्ष — मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा ने मनाया 40वां स्थापना दिवस

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स्वर्गीय डॉ. शिव कुमार की प्रेरणा से पल्लवित यह संस्था आज हिमाचल और आसपास के राज्यों में दृष्टिदान का प्रतीक बन चुकी है

(ट्राई सिटी टाइम्स)।
मारंडा
मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा ने अपने 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर नई ऊँचाइयों को छुआ। समाजसेवा और मानवीय दृष्टिकोण का यह प्रतीक संस्थान आज प्रदेश ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों — पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड — के लाखों नेत्र रोगियों के लिए आशा का केंद्र बन चुका है।

इस प्रतिष्ठित संस्था के अध्यक्ष श्री के. जी. बुटेल हैं, जो अपने दूरदर्शी नेतृत्व और सामाजिक समर्पण के लिए विख्यात हैं। उनके मार्गदर्शन में अस्पताल ने बीते वर्षों में चिकित्सा सेवाओं, पारदर्शिता और मानवीय संवेदना के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है।
संस्था के जनरल सेक्रेटरी श्री भरत सूद संगठन के रीढ़ समान हैं, जिनकी निष्ठा और कर्मठता से अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है।
डायरेक्टर डॉ. सुधीर सल्होत्रा की चिकित्सा विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता ने इस संस्था को आधुनिक नेत्रचिकित्सा तकनीकों से जोड़ा है, जबकि जनरल मैनेजर श्री राघव शर्मा अपने अनुशासित प्रबंधन और समर्पण से सभी कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।

अस्पताल की सबसे बड़ी पूंजी है — इसकी डॉक्टर्स की टीम, जो दिन-रात मरीजों की सेवा में तत्पर रहती है। इनके साथ-साथ मेडिकल और नॉन-मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, टेक्नीशियन, और प्रशासनिक अधिकारी — सभी का योगदान इस संस्था को निरंतर ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। हर व्यक्ति अपनी भूमिका को सेवा के रूप में निभा रहा है, जिससे अस्पताल का हर कोना मानवीय संवेदना से भरा दिखाई देता है।

इस वटवृक्ष की जड़ें जुड़ी हैं स्वर्गीय डॉ. शिव कुमार जी से, जिन्होंने अपने परिश्रम, ईमानदारी और समर्पण से इस संस्थान की नींव रखी थी। उन्होंने “दृष्टि सेवा ही सच्ची सेवा” के सिद्धांत को जीवन में उतारा और मारंडा की इस धरती पर एक ऐसा पौधा लगाया जो आज समाजसेवा का वटवृक्ष बन चुका है। उनके अथक प्रयासों और प्रेरणा से लाखों लोगों की आंखों में फिर से उजाला लौटा है।

अस्पताल में अब तक तीन लाख से अधिक नेत्र ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं। गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए नि:शुल्क एवं रियायती इलाज की व्यवस्था है। संस्था द्वारा ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में समय-समय पर नेत्र शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित चिकित्सक और सेवा की भावना — यही इस संस्थान की पहचान है।
अस्पताल में आधुनिक उपकरण तथा विशिष्ट नेत्र-चिकित्सा (मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, स्ट्रैबिस्मस, विट्रीओ-रेटिना आदि) की सुविधा उपलब्ध है।

एक अनुमान के अनुसार अब तक 34 लाख से अधिक मरीज अस्पतालों में विज़िट कर चुके हैं, जिनमें लगभग 3.50 लाख ऑपरेशन हुए हैं। (अनुमानित आंकड़े)

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“मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मरांडा” आज केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और मानवता का तीर्थ है। जो पौधा स्वर्गीय डॉ. शिव कुमार जी ने अपने श्रम और आस्था से लगाया था, वही आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है, जिसकी छांव में अनगिनत लोग दृष्टि पाकर नया जीवन पा रहे हैं।

इस अवसर पर ट्राई सिटी टाइम्स परिवार की ओर से —

“मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को 40वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
आपकी यह दृष्टिदायिनी यात्रा यूं ही निरंतर प्रकाश फैलाती रहे।”

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