पाठकों के लेख एवं विचार
*आई__होली_आई__ओ #हेमांशु_मिश्रा*
#आई__होली_आई__ओ
#हेमांशु_मिश्रा
सिंबल पके
सरोँ फूली
खिलीं गिईयाँ कराली ओ
पराग खिलरे
बुरांस लिशके
नोये फूल खिले ओ
झंडे झुलांदे
जलेबी खांदे
मेले लगे सजने ओ
लोहना चमके
बन्दला नच्चे
धंधोच लगी मनाणे ओ
स्वेटर छुट्टे
मौसम बदलेया
नोये प्रोणे आये ओ
डोले निकले
रौनकां लगियाँ
शुरू होइयाँ मालियां ओ
घुघर हंडदे
पालमपुर फिरदे
आई होली आई ओ
आई होली आई ओ