पाठकों के लेख एवं विचार
*कलम उदास है :लेखक विनोद शर्मा वत्स*
*कलम उदास है :लेखक विनोद शर्मा वत्स*
कलम उदास है
सुना है आज कलम उदास है
लफ़्ज़ों की रूह किसी के पास है।
इसलिए आज कलम उदास है।
सुना है आज कलम उदास है
क्योंकि स्याही ना उसके पास है
इसलिये आज कलम उदास है।
सुना है आज कलम उदास है।
आज भी लफ़्ज़ों की तलाश है।
इसलिये आज कलम उदास है।
सुना है आज कलम उदास है
दिल मे फ़सी उदासी की फांस है
इसलिये आज कलम उदास है
सुना है आज कलम उदास है
गलत शब्दो की हो रही जांच है
इसलिये कलम उदास है।
सुना है आज कलम उदास है
हुई लफ़्ज़ों में रार इसलिये बनवास है
इसलिये कलम उदास है।
सुना है आज कलम उदास है
यार रूठा मिला बनवास है
इसलिये आज कलम उदास है।
विनोद शर्मा वत्स