*जिला कांगड़ा में एक ऐसा एकता मंच बनाएँ , जो कांगड़ा के साथ अन्याय करने वालों को सबक सिखाए :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक*
जिला कांगड़ा में एक ऐसा एकता मंच बनाएँ , जो कांगड़ा के साथ अन्याय करने वालों को सबक सिखाए :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक
…….. यह विचार आज समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय को लेकर समर्थन जुटाने आए एडवोकेट अतुल भारद्वाज जी की अगुवाई में उन चिन्तकों , विचारकों व बुद्धि जीवियों के साथ व्यक्त किये जो कि कांगड़ा को नेतृत्व विहीन दिखता समझ रहे हैं। पूर्व विधायक ने कहा इतिहास साक्षी है जिस भी पार्टी को कांगड़ा की जनता ने दिल खोलकर जनादेश दिया है। शिमला में उसी पार्टी की सरकार बनी है। यही नहीं कांगड़ा की जनता उन निर्णयों की भी साक्षी है कि जव यहाँ से बड़े बड़े दफ्तर अन्यत्र बदल दिये गये लेकिन विधान सभा में बैठे एक भी माननीय विधायक महोदय ने न अपना मुँह खोला ओर न ही विरोध जताया । अव इसी तरह केन्द्रीय विश्वविद्यालय का मामला इतना गम्भीर बना हुआ है जिसे लेकर आप जैसे चिन्तक विचारक , बुद्धिजीवी , स्वयं सेवी संस्थाएं , महिला संगठन , छात्र संगठन इत्यादि सडकों पर उतर कर चिला रहे हैं , गले फाड फाड कर नारे लगा रहे कि सरकार धर्मशाला स्थित जदरांगल में बनने वाले केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर का 30 करोड़ रुपये जमा करवाये लेकिन प्रदेश के सर्वोच्च सदन में यहाँ से जनता ने चुनकर भेजी विधायकों की फोज में एक भी न तो खुलकर इनका साथ दे रहा है ओर न ही इनके समर्थन में कुछ बोल रहा है । पूर्व विधायक ने कहा अव इसी कड़ी में पालमपुर फार सेल का मामला वर्तमान सुक्खू सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के अन्तर्गत एक नया फरमान लेकर आ रहा है । पूर्व विधायक ने कहा उत्तर भारत की चाय नगरी पालमपुर जो अपने सौंदर्य तथा प्राकृतिक वातावरण के कारण पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना रही है उसे पर्यटन के नाम पर एक नया तगमा लगने जा रहा है। जिस दूरदर्शिता तथा दूरगामी सोच के कारण आज से लगभग साढ़े 4 दशक पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शांता कुमार जी के अथक प्रयासों से पालमपुर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी तब पालमपुर में एक डिग्री कॉलेज तक नहीं होता था आज इस कृषि विश्वविद्यालय की लगभग 3000 कनाल जमीन को पर्यटन विलेज के नाम पर निजी हाथों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। ऐसा लगता है जैसे पालमपुर फार सेल की होड़ मच गई है। यहाँ भी एक भी विधायक बोलने को तैयार नहीं कि ऎसा करने से इस विश्वविद्यालय का अस्तित्व खतरे में पड जाएगा ओर भविष्य में इस विश्वविद्यालय के केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने , कृषि के क्षेत्र में एग्रो बेस्ड टूरिजम , इंजीनियरिंग कॉलेज इत्यादि की सम्भावनाएँ क्षीण हो जाएगी । पूर्व विधायक ने सीयू के मसले को लेकर अपना भरपूर समर्थन देते हुए इन बुद्धिजीवीयों , चिन्तको व विचारकों से कहा कि वे अव पालमपुर के इस ज्वलंत मामले को भी अपने एजेंडे में शामिल करें ।
कैप्सन :- सीयू का समर्थन जुटाने आये शिष्ट मण्डल के साथ पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ।