*राम आए हैं आए हैं राम आए हैं*
*राम आए हैं आए हैं राम आए हैं*
राम लला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनैतिक बताकर, शास्त्र और तमाम अन्य दलीलों का सहारा लेकर बरगलाकर, फिलहाल कुछ हिंदू विरोधी नेता, प्रायोजित आधुनिक चार शंकराचार्य, नहीं आ रहे हैं, तो क्या हुआ!?
आ रही है, वो महिला, जिसने राम मंदिर बनने तक, न बोलने की कसम खाई थी!
वो बूढ़ी, गरीब, महिला आ रही है जिसने 20 रुपये दिए थेl
वो सूर्यवंशी आ रहे हैं, जिन्होंने राम मंदिर बनने तक कभी जूते या पगड़ी नहीं पहनी!
वो कारसेवक आ रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या जाकर इस उद्देश्य के लिए गोली खाई, बिना यह सोचे कि उनके साथ क्या होगा?
वह साधु आ रहा है, जिसने मंदिर बनने तक अन्न नहीं खाया था!
गुरु हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर वो सनातन धर्म के 550 वर्ष के जीवन भर के संघर्ष की घटना में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो हम आपको याद नहीं करेंगे!
आप जाएं या ना जाएं, हम पहुंचे या ना पहुंचे हमारे राम को आना ही है, वो आयेंगे 22 जनवरी को, अपने घर की छत पर ध्वजा फहराएं, घर और मंदिर में दीप जलाएं, दीपावली मनाएं, राम आएंगे!
मिलकर बोलें
राम राम
नमः पार्वती पतये हर हर महादेव,
जय श्री कृष्ण,
जय श्री राम, जय जय श्रीराम🚩🙏