Editorial:*आज अयोध्या मे प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन एक नई शुरुआत*
Editorial:*आज अयोध्या प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन एक नई शुरुआत*
आज, 22 जनवरी, अयोध्या नगरी में एक अद्वितीय और आध्यात्मिक महत्वपूर्ण क्षण हो रहा है – प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा। इस महापर्व के माध्यम से हम सभी एक नए आरंभ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जहां सत्य, धर्म, और प्रेम की शक्ति से युक्त होकर जीवन को समृद्धि की ऊँचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प किया जा रहा है।
अयोध्या, जो प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, आज पूरे भारतवर्ष में आत्मा की शुद्धि और समृद्धि की भावना के साथ भरा हुआ है। इस दिन, हम सभी अपने आदर्शों को याद करके उनके मार्ग पर चलने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सात्त्विकता और नैतिकता की ऊँचाइयों तक उठाने का संकल्प लेते हैं।
प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा एक महाकाव्यिक घड़ी है जो हमें सबको मिलकर एक उच्चतम आदर्श जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करती है। इस समय पर हमें यह समझना चाहिए कि हम सभी एक साथ होकर समृद्धि और सहयोग के साथ एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
इस संपादकीय के माध्यम से हम सभी आशीर्वाद देते हैं कि प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का यह पवित्र क्षण सभी के जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि लाए। हम सभी को यहां मिलकर एक समृद्धि भरा और आदर्श समाज बनाने में सहायता करने का संकल्प करना चाहिए।
आज अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है, जो एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना है। इस मौके पर, हम सभी को एकमत रूप से इस अद्भुत क्षण की साकारात्मकता और सांस्कृतिक समृद्धि का आभास कराते हैं। यह घटना भारतीय समाज को एकजुट करने और एक साझा धार्मिक विरासत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आओ आज हमसे मिलकर यह प्रतिज्ञा करें कि देश हित के लिए और सांस्कृतिक और धर्मिक सौहार्द बनाने के लिए धार्मिक उन्माद को घटाने के लिए अगर हमें समझौते करने पड़े तो उसमें कोई बुराई नहीं कट्टरवाद देश की धरती में एक बहुत बड़ी बाधा होती हैं। इस घड़ी में सुप्रीम कोर्ट की वह बेंच बधाई की पात्र है जिसने वर्षों से लटके हुये इस मुद्दे को समाप्त किया जो देश की तरक्की में एक बड़ा बना हुआ था। इस मामले में हिंदू मुस्लिम दोनों ने सहनशीलता दिखाई जो कि देश हित में है
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राम लला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनैतिक बताकर, शास्त्र और तमाम अन्य दलीलों का सहारा लेकर बरगलाकर, फिलहाल कुछ हिंदू विरोधी नेता, प्रायोजित आधुनिक चार शंकराचार्य, नहीं आ रहे हैं, तो क्या हुआ!?
आ रही है, वो महिला, जिसने राम मंदिर बनने तक, न बोलने की कसम खाई थी!
वो बूढ़ी, गरीब, महिला आ रही है जिसने 20 रुपये दिए थेl
वो सूर्यवंशी आ रहे हैं, जिन्होंने राम मंदिर बनने तक कभी जूते या पगड़ी नहीं पहनी!
वो कारसेवक आ रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या जाकर इस उद्देश्य के लिए गोली खाई, बिना यह सोचे कि उनके साथ क्या होगा?
वह साधु आ रहा है, जिसने मंदिर बनने तक अन्न नहीं खाया था!
गुरु हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर वो सनातन धर्म के 550 वर्ष के जीवन भर के संघर्ष की घटना में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो हम आपको याद नहीं करेंगे!
आप जाएं या ना जाएं, हम पहुंचे या ना पहुंचे हमारे राम को आना ही है, वो आयेंगे 22 जनवरी को, अपने घर की छत पर ध्वजा फहराएं, घर और मंदिर में दीप जलाएं, दीपावली मनाएं, राम आएंगे!
मिलकर बोलें
राम राम
नमः पार्वती पतये हर हर महादेव,
जय श्री कृष्ण,
जय श्री राम, जय जय श्रीराम🚩🙏