Building under threat:*मानो ना मानो आपकी मर्जी हम तो केवल लिख सकते हैं लिख दिया*


Building under threat:*मानो ना मानो आपकी मर्जी हम तो केवल लिख सकते हैं लिख दिया*

बने रहो पगला काम करेगा अगला ।
हमारे नियम ऐसे बाबा आदम के जमाने जैसे !!
क्या करें 20 जिंदगियां निपट जाएगी पर नहीं काट पाएंगे एक पेड़ ।मैं खुद अधिकारी हूं कटवा देता तुरंत अगर रहत इस छत के नीचे रहता ।
ठीक है दो-चार मर जाएंगे तो क्या फर्क पड़ेगा हम पांच पांच लाख देकर निपटा देंगे ।
एनजीटी हो या शासन प्रशासन या फिर हो फॉरेस्ट भाड़ में जाए जिंदगी या संपत्ति हम तो करेंगे रेस्ट।
मैं गौर फरमाता अगर होती मेरे पुरखों की जागीर!
पिछलों ने नहीं कुछ किया तो बिना मतलब के मैं क्यों बनू नजीर। यह हाल है पालमपुर के फायर ब्रिगेड के साथ लगती हुई सरकारी भवन का इसके ऊपर इतनी चल की पत्तियां पड़ी है कि कभी भी आग लग सकती है आजकल हिमाचल में चारों ओर जंगलों में आज दहक रही है एक छोटी सी भूल यहां पर पूरी बिल्डिंग को खत्म कर सकती है कुछ जिंदगियां भी लील सकती हैं। ऊपर से इस बिल्डिंग पर झुका हुआ पेड़ कभी भी हवा आंधी के झोंके से गिर सकता है और 5-10 लोगों की जिंदगी खत्म कर सकता है परंतु क्या करें अधिकारियों के हाथ बंधे हुए हैं मैं कुछ नहीं कर सकते यहां से परमिशन नहीं मिलती वहां से परमिशन नहीं मिलती खर्चा पूरा नहीं होता कटवाने के पैसे ज्यादा लगेंगे यही सब कुछ चलता रहेगा परंतु अंततः जब दो-चार लोग मर जाएंगे तो पांच-पांच लाख रुपया बांटने में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि यह तो रिजर्व फंड रहता है आदमी मर जाए पर पेड़ ना कटे।
दूसरी तस्वीर में आप सरकारी भवन देख रहे हैं इस भवन को आप सुधार नहीं सकते तो बिगाड़ क्यों रहे हो अरे छोड़ो छोटी सी सलाह मान लो किसी भैया को किसी कारपेंटर को किसी मिस्त्री को कुछ दिनों के लिए रहने को दे दो मैं फ्री में, सारी सफाई कर देगा इस बिल्डिंग को संभाल लेगा लाखों की बिल्डिंग है अब इस बरसात में शायद यह गिर ही जाएगी क्योंकि पिछले कई सालों से यह बिल्डिंग दिन प्रतिदिन बाद से बढ़कर होती जा रही है। मानो ना मानो आपकी मर्जी हम तो केवल लिख सकते हैं लिख दिया।