Big question: *नगर निगम तुझे सलाम तेरी सोच के आगे कलाम भी करे सलाम*
Big question: *नगर निगम तुझे सलाम तेरी सोच के आगे कलाम भी करे सलाम*
कितने पर्यटन सीजन बीत गए सभी यही सोचते रहे कि यह म्यूजिकल फाउंटेन चलेगा और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा परंतु ऐसा हो ना पाया और पूर्व नगर परिषद प्रधान राधा सूद का यह ख्वाब अधूरा रह गया ।
ऐसा नहीं है कि नगर निगम के पास पैसों की कमी है पैसे जहां पहले लाखों में आते हैं थे अब वह करोड़ों में आ रहे हैं ।परंतु उन पैसों का युक्तिकरण और उन पैसों का सही इस्तेमाल कहां हो कैसे हो शायद इस बात की एक कमी रह गई।
हमारे जनप्रतिनिधि जो नगर निगम के लिए चुने गए हैं उनकी नजरों में अपने ऑफिस को बनाना सजाना संवारना पहली प्राथमिकता रही होगी और शहर को सजाना संवारना शायद दूसरी प्राथमिकता है।
सुभाष चौक को बहुत अच्छा किया जा सकता है जहां पर पालमपुर जैसे छोटे से शहर में 20-30 पर्यटक आराम से बैठकर इंजॉय कर सकते हैं कुछ समय बिता सकते हैं।
सीताराम पार्क बहुत बढ़िया स्थान है प्राइम लोकेशन पर है वहां पर बहुत कुछ किया जा सकता है हालांकि अब पैसों की कमी नहीं शायद सोच की कमी हो गई है ।पहले पैसों की कमी होती थी सोच ज्यादा थी । निगम को बलवंत ठाकुर जैसे लोगों ने चलाया जो पूरे तन मन धन से शहर का भला चाहते रहे करते रहे । राधा सूद ने नगर परिषद का कायाकल्प किया और स्वच्छता में पहला स्थान दिलवाया उन्हें हर साइट पर विजिट करते हुए देखा जाता था। पैसे कम थे संसाधन कम थे आए कम थे कर्ज ज्यादा था परंतु पिछली नगर परिषदों पर नजर दौड़ाई जाए तो शायद वह इस निगम से ज्यादा बेहतर थी। अब ना जान इतना अधिक स्टाफ है और इतना इंफ्रास्ट्रक्चर इतना बड़ा बजट होने के बावजूद भी शहर को कैसे सुंदर बनाया जाए आकर्षक बनाया जाए इस बात पर कोई ध्यान नहीं ध्यान है।ध्यान है तो शौचालय कहाँ बनाए जाएं और वह भी वहां पर बनाये जाएं जहां उसकी इस्तेमाल करने वाला कोई ना हो या वहां पर जहां 10:00 बजे सुबह गेट खुले और शाम को 5:00 बजे बंद हो जाए या ऐसे पॉश इलाके में बनाए जाएं जहां पर हर एक घर में तीन या चार शौचालय हों। या फिर कहीं जगह ना मिले तो वह गौ सदन में बना दो। सोच हो तो निगम की तरह जो आने वाले 50 साल के विजन को लेकर चलती है 5 साल के नहीं🤣🤣 पिछली परिषद ने यह musical fountain प्रोजेक्ट इसलिए बनाया था कि शाम के समय में पर्यटक लोग यहां पर म्यूजिकल फाउंटेन का आनंद उठाएं यहां पर थोड़ी देर बैठकर सुहाने मौसम और मधुर म्यूजिक का आनंद लें जैसा कि सेक्टर 17 में किया जाता है प्रकाश ऐसा हो पता अब तो यह फाउंटेन चार साल में शायद खराब भी हो गया होगा और न जाने कितने पैसे बर्बाद हो गए ऊपर से मच्छर जरूर पल रहे हैं इसमें