*पैरिस_ओलंपिक_मे_भारतीय_खिलाड़ियों_की_कारगुजारी*
13 अगस्त 2024- (#पैरिस_ओलंपिक_मे_भारतीय_खिलाड़ियों_की_कारगुजारी)–
मेरे आज के ब्लॉग के आंकडे और सूचनाएं एक प्रतिष्ठित दैनिक के सम्पादकीय से जुटाए गए है। यह सर्वविदित है कि इस बार के ओलंपिक मे हमारे खिलाड़ी देश की अपेक्षा के अनुकूल पदक नहीं ला सके। हमारे खिलाड़ी 140 करोड़ के देश का प्रतिनिधित्व करते है, फिर भी भारत ओलंपिक की पदक तालिका पर 71वें नम्बर पर है जबकि पाक़िस्तान एक स्वर्ण सहित हमसे ऊपर है। हम कुश्ती मे विनेश फोगाट, भाला फेंकने मे नीरज चौपड़ा और हॉकी मे स्वर्ण पदक की उम्मीद कर सकते थे, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक रहित ही घर लौटना पड़ा। इससे यह साबित होता है कि खेलों मे देश का आकार नहीं अपितु खिलाड़ियों की तैयारी पर किया गया निवेश महत्व रखता है। देश का सम्मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों पर अधिक खर्च करने की जरूरत है। जब ओलंपिक मे एथलीटो को पुरस्कृत करने की बारी आती है तो हांगकांग और सिंगापुर जैसे छोटे देशों की जबरदस्त भागीदारी रहती है। हालांकि पदक तालिका मे सर्वोच्च स्थान पाने के लिए हमेशा चीन और अमरीका मे स्पर्धा रहती है। काबिलेगौर है कि इस बार 39 गोल्ड मैडल लेकर चीन अमरीका से आगे निकल गया है। मेरी समझ मे हमे अपनी खेल नीति मे कुछ मूलभूत परिवर्तन करने होगें।
अखबार के सम्पादकीय के अनुसार पैरिस ओलंपिक मे भारतीय खिलाड़ियों और ओलंपिक अधिकारियों की यात्रा पर अनुमानित 33.68 करोड़ खर्च आया है, जो 2021 के टोक्यो ओलंपिक से लगभग दुगना है, लेकिन इसमे से एथलीटो या खिलाड़ियों की गतिविधियों के खर्च के लिए 14 करोड़ और प्रतिनिधियो, आई.ओ.ए की कार्रकारी की समिति के सदस्यों और मुख्यालय के अधिकारियों के लिए 18.90 करोड़ की राशि आबंटित की गई थी। इसी प्रकार खेलो इडियां मे उन प्रदेशों को अधिक बजट आबंटित कर दिया जाता है जहां से खिलाड़ियों का योगदान शुन्य होता है। वजन विवाद के बाद जब विनेश फोगाट को स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला करने के अयोग्य घोषित कर दिया तो खेल मंत्री ने विनेश के प्रशिक्षण पर किए गए खर्च की जानकारी दी, लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई कि खिलाडियों के साथ गए अधिकारियों पर कितना खर्च किया गया है। इस बात पर भी पुनर्विचार करना होगा कि हम सर्वाधिक निवेश क्रिकेट पर करते है जबकि उसमे केवल 15-16 देशों की भागीदारी होती है और इसके विपरीत ओलंपिक खेल एक ऐसा आयोजन है जिसमे लगभग 200 देश भाग लेते है। मेरे विचार मे हमारी खेल नीति खेल और खिलाड़ी केन्द्रीत होनी चाहिए। हमे अधिकतम निवेश अपने खिलाड़ियों की तैयारी,प्रशिक्षण,खुराक और प्रोत्साहन पर करना होगा।
#आज_इतना_ही।