Burning Issue :-*हिमाचल प्रदेश में हिम केयर कार्ड योजना के बंद होने पर गरीबों और आम आदमी का आक्रोश*
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हिमाचल प्रदेश में हिम केयर कार्ड योजना के बंद होने पर गरीबों और आम आदमी का आक्रोश
हिमाचल प्रदेश सरकार के हिम केयर कार्ड योजना को निजी अस्पतालों में बंद करने के फैसले से राज्य के निवासियों में आक्रोश और निराशा है। यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई थी, जिससे उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने में मदद मिली थी।
हिम केयर कार्ड योजना के तहत, राज्य के निवासियों को निजी और सरकारी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती थी। इससे गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को महंगे अस्पतालों के इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ता था। लेकिन अब, राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं थी।
लोगों का कहना है कि यह योजना उनके लिए जीवन और मृत्यु का सवाल थी, और इसके बंद होने से उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है। वे सरकार से इस योजना को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को इस योजना को बंद करने से पहले इसके विकल्प के बारे में सोचना चाहिए था।
हिम केयर कार्ड योजना के तहत, राज्य के निवासियों को निजी और सरकारी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती थी। लेकिन अब, राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं थी।
लोगों का कहना है कि यह योजना उनके लिए जीवन और मृत्यु का सवाल थी, और इसके बंद होने से उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है। वे सरकार से इस योजना को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को इस योजना को बंद करने से पहले इसके विकल्प के बारे में सोचना चाहिए था।
सरकारी अस्पतालों में सुविधा नाम मात्र की ही है, स्टाफ की कमी है, और स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और टांडा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भी सुविधाएं सीमित हैं। मरीजों को अक्सर 5-6 महीने की आगे की अपॉइंटमेंट मिलती है।
इस योजना के बंद होने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उन्हें अब महंगे निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत मुश्किल होगा।
सरकार को इस योजना को फिर से शुरू करने के लिए कुछ व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए। हिमाचल प्रदेश के लोग राज्य सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे इस योजना को फिर से शुरू करेंगे और लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने में मदद मिलेगी
सरकारी अस्पतालों में सुविधा नाम मात्र की ही है, स्टाफ की कमी है, और स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है। ऐसी परिस्थितियों में, निजी अस्पतालों में हिम केयर कार्ड योजना का महत्व और भी बढ़ जाता है।
हिमाचल प्रदेश के लोग राज्य सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे इस योजना को फिर से शुरू करेंगे और लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने में मदद मिलेगी। लोगों की उम्मीद है कि सरकार इस मामले में जल्द से जल्द कोई व्यावहारिक निर्णय लेगी।