पाठकों के लेख:- by *हेमंत* ::सियासत के मेंढक
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सियासत के मेंढक— by hemant sharma
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मेरी बेटी आन्या का सवाल था कि मेंढक आजकल कहाँ चले जाते हैं? उसकी उम्र के हिसाब से उसे जरा सा समझाया। बाद में सोचा कि चलो आज पेज पर भी मेंढक की ही बात करते हैं। वैसे ग़ज़ब का जीव है। सर्दी और गर्मी में नजर ही नहीं आता। कुछेक और जीव भी है लेकिन यहां हम मेंढक तक सीमित रहेंगे। जीव विज्ञान वाले जानते होंगे कि सर्दी के मौमस में मेंढक हाइबरनेशन (hibernation) में चला जाता है। मतलब ऐसे स्थान पर जहां वह अपने शरीर का तापमान बनाए रख सके। उस दशा में इसकी तमाम गतिविधियां धीमी हो जाती है। जीवन तकरीबन निष्क्रिय रहता है। विंटर स्लीप भी कह सकते हैं। यह अवधि काफी लंबी होती है। इसी प्रकार भीषण गर्मी में इसके गायब होने की स्थिति को एस्टिवेशन (aestivation) कहते हैं। यह अवधि ज्यादा लंबी नहीं रहती। बस जैसे ही बरसात की आहट हुई मेंढक पूरी तरह सक्रिय। टर्र-टर्र और टर्र-टर्र। कूदाफांदी अलग से।
राजनीति में भी मेंढक होते हैं। आजकल विधानसभा चुनावों की बेला है और मेंढक प्रजाति के नेताओं का रेला है। सत्तासीन पार्टी या विपक्षी पार्टी में ऐसे नेता पूरी तरह से हाइबरनेशन में होते हैं। बोले तो निष्क्रिय। पांच साल कहीं दुबके रहते हैं। बस बचे रहते हैं किसी तरह। बेशक सत्ता में अहम पदों पर भी क्यों न हो, सक्रिय नहीं रहते। बीच में जरा सा मौसम सही होता है तो गर्मी की तपिश से फिर गायब। उसके बाद चुनाव इनके लिए ऐसे आता है गोया कि बरसात हो। बस टर्राहट और कूदाफांदी शुरू। आपने देखा ही होगा कि पिछले दिनों यूपी में तो कितने ही नेता इस चुनावी बरसात में यकायक सक्रिय हो गए। कोई इस पार्टी तो कोई उस पार्टी। कमोबेश ऐसा ही पंजाब में दिखा। हां, पंजाब में यूपी के मुकाबले कूदाफांदी कुछ कम हुई। लेकिन टर्र-टर्र तो यूपी से भी ज्यादा है। ऐन चुनावों के समय में पार्टियां बेचारी मेंढक तौलती रह जाती हैं। एक तराजू में आता है तो दो-दो बाहर कूद जाते हैं। समझ नहीं आता कि किस पार्टी ने क्या और कितना किलो तौला। वैसे कुछेक तो बेचारे ताउम्र कुएं के मेंढक बने रहते हैं। वहीं कुछेक भादों के मेंढक हो जाते हैं। भादों के मेंढक होना एक मुहावरा है जिसका अर्थ हुआ खा-पी कर अत्यंत मोटा हो जाना। भादों (अगस्त-सितंबर) तक मेंढक सच में मोटे हो जाते हैं। मतलब कुछ नेता भी चुनावी बरसात में खा-पी कर मोटे हो जाते हैं। अब सियासत में भादों के मेंढक ज्यादा है या कुएं के, किसी को अंदाजा हो तो जरूर बताएं।