Editorial जनमंच: **सरकारी संपत्तियों की दुर्दशा: खंडहर बनती करोड़ों की संपत्ति, सुधार की जरूरत**
**सरकारी संपत्तियों की दुर्दशा: खंडहर बनती करोड़ों की संपत्ति, सुधार की जरूरत**
पालमपुर: सरकारी संपत्तियों की दुर्दशा पर चिंता जताने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है। करोड़ों रुपए की संपत्तियां बुरी हालत में हैं और उनका उपयोग नहीं हो रहा है। इनमें से कई संपत्तियां खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। पालमपुर में स्थित( चित्र में दिखाया गया कोई सरकारी निवास है) इसका जीता-जागता उदाहरण है। यह खंडहर बन चुकी बिल्डिंग एक प्राइम लोकेशन पर स्थित है, लेकिन और अब यह खंडहर बन चुका है और ग्रीन गार्डन में तब्दील हो गया है। इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि इस संपत्ति को प्राइवेट पार्टी को लीज पर दिया जाए, तो सरकार को हजारों रुपए महीने का किराया मिल सकता है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों की लापरवाही या अनदेखी के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
### सरकारी संपत्तियों की हालत खराब क्यों?
1. **अधिकारियों की लापरवाही**: सरकारी अधिकारी केवल अपनी सैलरी और सुविधाओं में व्यस्त हैं। संपत्तियों के प्रबंधन और उनसे राजस्व उत्पन्न करने की ओर उनका ध्यान नहीं है।
2. **व्यावसायिक दृष्टिकोण का अभाव**: सरकारी अधिकारियों में व्यावसायिक सोच की कमी है। वे संपत्तियों को लीज पर देकर या उनका उचित उपयोग कर राजस्व बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते।
3. **नौकरशाही की जटिलता**: सरकारी प्रक्रियाएं इतनी जटिल हैं कि संपत्तियों के उचित प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाने में बहुत समय लग जाता है।
### क्या हो सकता है समाधान?
1. **संपत्तियों को लीज पर देना**: सरकारी संपत्तियों को प्राइवेट पार्टियों को लीज पर देकर उनका उचित उपयोग किया जा सकता है। इससे न केवल संपत्तियों की देखभाल होगी, बल्कि सरकार को अच्छा राजस्व भी प्राप्त होगा।
2. **व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाना**: सरकारी अधिकारियों को व्यावसायिक सोच के साथ काम करना चाहिए। उन्हें संपत्तियों के प्रबंधन और उनसे राजस्व उत्पन्न करने के बारे में सोचना चाहिए।
3. **निजीकरण**: कुछ सरकारी संपत्तियों का निजीकरण कर उनका बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। निजी कंपनियां इन संपत्तियों का उचित उपयोग कर सकती हैं और सरकार को राजस्व प्रदान कर सकती हैं।
4. **डिजिटल प्रबंधन**: सरकारी संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन कर उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सकती है। इससे संपत्तियों की देखभाल और उनके उचित उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकता है।
सरकारी संपत्तियों की दुर्दशा को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इन संपत्तियों को लीज पर देकर या उनका उचित उपयोग कर न केवल उनकी दुर्दशा से छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि राजस्व में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। सरकारी अधिकारियों को व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और संपत्तियों के प्रबंधन में जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। यह समय की मांग है कि सरकारी संपत्तियों की देखभाल में जिम्मेदारी और व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाया जाए।