*शनि सेवा सदन ने निभाया मानवता का धर्म, परमेंद्र भाटिया ने निभाई सेवा की मिसाल*
नरेंद्र सूद के ऑपरेशन और इलाज में की गई निशुल्क सहायता


शनि सेवा सदन ने निभाया मानवता का धर्म, परमेंद्र भाटिया ने निभाई सेवा की मिसाल

नरेंद्र सूद के ऑपरेशन और इलाज में की गई निशुल्क सहायता
शनि सेवा सदन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सेवा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक समर्पण है। संस्था के समर्पित प्रमुख परमेंद्र भाटिया ने अपने कार्य से यह साबित किया है कि जब तक सेवा का ठोस परिणाम सामने न आ जाए, तब तक वे चैन से नहीं बैठते। चाहे कोई बुजुर्ग हो, बच्चा, बीमार, जानवर, या फिर दिवंगत आत्माएं—हर किसी की सेवा को भाटिया जी ने अपना कर्तव्य समझा है। यहां तक कि दिवंगत व्यक्तियों के अस्थि विसर्जन तक की जिम्मेदारी भी वे निभाते हैं।
हाल ही में नरेंद्र सूद नामक एक निर्धन व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी टांग की हड्डी टूट गई थी और उसमें रॉड डालनी पड़ी। शुरुआत में उनका इलाज सिविल अस्पताल पालमपुर में करवाया गया, पर वहां सुविधाओं की कमी के कारण ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया। ऐसे में शनि सेवा सदन की पहल पर उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल—डॉ. दत्तल के हॉस्पिटल ठाकुरद्वारा में भर्ती करवाया गया।
डॉ. दत्तल ने परमेंद्र भाटिया के अनुरोध पर न सिर्फ ऑपरेशन निशुल्क किया, बल्कि वरिष्ठ anesthesia विशेषज्ञ डॉ. गंभीर सूद ने भी अपनी फीस नहीं ली। तीन हफ्ते बाद जब नरेंद्र सूद का फॉलो-अप होना था, तब परमेंद्र भाटिया स्वयं उन्हें डॉक्टर के पास लेकर गए। डॉक्टर दत्तल ने फिर से उनका चेकअप किया, प्लास्टर बदला और उन्हें सख्त बेड रेस्ट की सलाह दी, ताकि भविष्य में कोई जटिलता न आए।
भाटिया जी ने उन्हें वापस भवारना तक पहुंचाया और यह भी भरोसा दिलाया कि अगली बार जब फॉलो-अप होगा, तो वे स्वयं साथ जाएंगे और पूरी देखभाल करेंगे। नरेंद्र सूद, जो कि अत्यंत निर्धन हैं और जिनके पास कोई निश्चित आय का साधन नहीं है, उनके लिए यह सहायता जीवनदायिनी साबित हुई है।
शनि सेवा सदन और सदन प्रमुख परमेन्द्र भाटिया जैसे लोग समाज के लिए एक प्रेरणा हैं, जो निस्वार्थ सेवा से मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।

