सूद सभा पालमपुर ने किया देवदार वृक्षारोपण, बारिश में भी जुटा पर्यावरण प्रेम


सूद सभा पालमपुर ने किया देवदार वृक्षारोपण, बारिश में भी जुटा पर्यावरण प्रेम

पालमपुर, 17 जुलाई —
सूद सभा पालमपुर ने आज होटल टी बड परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की ओर एक और सार्थक कदम बढ़ाया। भारी बारिश के बावजूद सभा के उत्साही सदस्यों ने देवदार के पौधे रोपित किए और यह संदेश दिया कि प्रकृति के प्रति सेवा और समर्पण किसी मौसम का मोहताज नहीं होता।
इस अवसर पर सभा के संरक्षक अजीत बाघला कोषाध्यक्ष अनिल सूद , रश्मि सूद डॉ अशोक सूद देविंदर सूद और वरिष्ठ सदस्या सोना सूद ब्रिंदुला कड़ोल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष भी इसी स्थान पर देवदार के पौधे लगाए गए थे, जिनमें से अधिकांश आज भी सुरक्षित और जीवित हैं। उन्होंने कहा कि केवल पौधे लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल और संरक्षण करना भी उतना ही आवश्यक है। सूद सभा यह सुनिश्चित करती है कि हर लगाए गए पौधे की निगरानी की जाए, जिससे उसकी जीवित रहने की संभावना लगभग 80% तक बनी रहती है।
सभा के सदस्यों ने यह भी बताया कि आगामी दिनों में दो अन्य स्थानों पर भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उनका उद्देश्य न केवल हरियाली बढ़ाना है, बल्कि समाज को भी पर्यावरण के प्रति सजग और सक्रिय बनाना है।
शोध सभा ने पर्यटन निगम का धन्यवाद किया कि उन्होंने पौधारोपण के लिए अपने यहां स्थान दिया तथा इस अवसर पर सहायक जनरल मैनेजर कैलाश ठाकुर और निखिल परमार तथा स्टाफ के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे
बारिश के बीच आयोजित यह कार्यक्रम न केवल प्रकृति के प्रति निष्ठा को दर्शाता है, बल्कि समाज को प्रेरित करने वाला भी है। सूद सभा का यह प्रयास सराहनीय है और एक उदाहरण पेश करता है कि संकल्प और सामूहिक भावना से बड़े कार्य संभव हैं।
स्मरणीय क्षण — सेवा, स्नेह और सम्मान का संगम
आज का दिन सूद सभा पालमपुर के लिए एक विशेष और भावनात्मक अवसर बन गया। जहां एक ओर वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को निभाया गया, वहीं दूसरी ओर सभा ने अपने माननीय सदस्य डॉ. अशोक सूद जी का जन्मदिन भी हर्षोल्लास के साथ मनाया। यह केवल एक संयोग नहीं, बल्कि एक सुंदर अवसर था — जब समाज सेवा और आत्मीय संबंधों का मेल देखने को मिला।
सभा के सदस्यों ने मिलकर डॉ. सूद जी का हैप्पी बर्थडे मनाया, केक काटा, मिठाइयाँ बांटीं और एक छोटे से पारिवारिक माहौल में पार्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रश्मि सूद जी भी उपस्थित रहीं और उन्होंने भी इस आत्मीय समारोह का भरपूर आनंद लिया।
डॉ. सूद जी और उनकी पत्नी की खुशी देखने लायक थी। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उन्हें बेहद अच्छा लगा कि सूद सभा जैसे आत्मीय परिवार ने उनके जन्मदिन को इतने स्नेह और सम्मान के साथ मनाया।
यह आयोजन एक बार फिर इस बात का प्रमाण बना कि सूद सभा केवल समाज सेवा की संस्था नहीं, बल्कि एक भावनात्मक परिवार है — जहां हर सदस्य के सुख-दुख, हर खुशी, हर अवसर को मिलकर साझा किया जाता है।
सूद सभा — सेवा, संवेदना और साथ का प्रतीक।