*पालमपुर की तरक्की का मौन स्तंभ — बुटेल परिवार की 110 कनाल जमीन समाज सेवा में अर्पित*
स्कूल से मंदिर, सड़क से सीवरेज तक — जब भी विकास के लिए ज़मीन की ज़रूरत पड़ी, बुटेल परिवार ने खुले दिल से दान दिया; सत्ता और दौलत के बावजूद विनम्रता उनकी पहचान


पालमपुर की तरक्की का मौन स्तंभ — बुटेल परिवार की 110 कनाल की अमानत समाज के नाम!

संपादकीय
पालमपुर की तरक्की का मौन स्तंभ — बुटेल परिवार की 110 कनाल की विरासत
पालमपुर की हर सड़क, हर गली, हर कुहल के पीछे कोई न कोई कहानी छुपी है। इन कहानियों में एक कहानी ऐसी है जो न शोर करती है, न प्रचार पाती है, लेकिन यह शहर जिसकी वजह से आज जिस रूप में है, वह इसे कभी भुला नहीं सकता। यह कहानी है बुटेल परिवार की — एक ऐसा परिवार जो राजनीति में शक्ति का केंद्र होने के बावजूद हमेशा ज़मीन से जुड़ा रहा और अपनी ज़मीन भी खुले दिल से समाज को दे दी।
आज के दौर में जब लोग एक पानी की पाइप, वाई-फाई कनेक्शन या बिजली की लाइन तक अपनी ज़मीन से नहीं जाने देते, बुटेल परिवार ने कभी विकास में बाधा नहीं बनने दी। सड़क, कुहल, हैंडपंप, ट्रांसफार्मर, पानी की सप्लाई, सीवरेज लाइन, शिक्षा, स्वास्थ्य — जिस भी जनसुविधा के लिए जगह की ज़रूरत पड़ी, उन्होंने अपनी निजी ज़मीन बिना झिझक सौंप दी।
इन योगदानों में कुछ उदाहरण इतने बड़े हैं कि उन्हें अनदेखा करना इतिहास के साथ अन्याय होगा। बुटेल परिवार ने 50 कनाल प्राइम ज़मीन DAV पब्लिक स्कूल के लिए दी, ताकि पालमपुर के बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिल सके। यही नहीं, राम मंदिर के लिए भी ज़मीन दी, ताकि श्रद्धा और संस्कृति की धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रह सके।
लड़कियों की शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने 60 कनाल ज़मीन KLB DAV कॉलेज फॉर गर्ल्स को दान की — वह भी उस समय, जब लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा पाना आसान नहीं था। यह 60 कनाल और पहले के 50 कनाल को जोड़ें तो कुल 110 कनाल ज़मीन — एक इतना बड़ा रकबा, जिसे आज के बाज़ार भाव में सोचकर ही लोग चौंक जाएं। लेकिन बुटेल परिवार के लिए यह रकम या रकबा मायने नहीं रखता था; उनके लिए मायने रखता था समाज का भला।
राजनीतिक पदों की ऊंचाइयों ने भी इस परिवार की विनम्रता को नहीं छुआ। बृज बिहारी लाल बुटेल विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री रहे, कुंज बिहारी लाल बुटेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक रहे, आशीष बुटेल विधायक और CPS के रूप में काम कर चुके हैं, और गोकुल बुटेल पहले भी और आज भी मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार हैं। ताकत, दौलत और पद — सब कुछ होते हुए भी यह परिवार हर किसी को पहले झुककर अभिवादन करता है।
इस दौर में जब राजनीति अक्सर व्यक्तिगत लाभ और तात्कालिक फायदे के इर्द-गिर्द घूमती है, बुटेल परिवार की यह सोच अलग खड़ी दिखाई देती है। उन्होंने यह साबित किया है कि सत्ता का सही इस्तेमाल जनता की भलाई में है, और संपत्ति का असली मूल्य तभी है जब वह दूसरों के जीवन में रोशनी भर सके। शायद यही कारण है कि पालमपुर की तरक्की की कहानी जब भी लिखी जाएगी, बुटेल परिवार का नाम उसमें सिर्फ एक पन्ना नहीं, बल्कि पूरा अध्याय घेरेगा।



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