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*कांगड़ा बैंक में 24 करोड़ की लोन माफी पर बवाल*

राजपूत महासभा ने की जांच की मांग, कहा आपदा-ग्रस्त प्रदेश को लूटा जा रहा है।पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में पारदर्शी जांच नहीं हुई, तो राजपूत महासभा जनहित में व्यापक आंदोलन छेड़ने को बाध्य होगी।

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*कांगड़ा बैंक में 24 करोड़ की लोन माफी पर बवाल*

राजपूत महासभा ने की जांच की मांग, कहा आपदा-ग्रस्त प्रदेश को लूटा जा रहा है

Tct ,bksood, chief editor

राजपूत महासभा हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा हाल ही में किए गए 45 करोड़ रुपये के लोन प्रकरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

सभा के अध्यक्ष ई.के.एस. जम्वाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो. अशोक सरयाल, महासचिव विजय चंदेल तथा एक्स-सर्विस विंग के अध्यक्ष मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा (सेवानिवृत) ने संयुक्त बयान जारी कर आरोप लगाया कि बैंक ने पालमपुर स्थित एक होटल के 45 करोड़ रुपये के लोन को वन टाइम सेटलमेंट (OTS) के तहत सेटल कर लगभग 24 करोड़ रुपये माफ कर दिए। यह सब राजनीतिक दबाव और प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत से हुआ है।

राजपूत महासभा ने कहा कि नाबार्ड द्वारा बार-बार उठाई गई अनियमितताओं और सरकार द्वारा बोर्ड निलंबन का निर्णय सराहनीय है, लेकिन दूसरी ओर करोड़ों की लोन माफी प्रदेश के हितों के साथ खुला खिलवाड़ है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि—
“एक ओर आपदा-ग्रस्त प्रदेश के लिए लोग बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहे हैं, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग प्रदेश की तिजोरी लूटने में लगे हैं।”

महासभा पदाधिकारियों ने कहा कि जब आम किसानों और छोटे उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाती, तो बड़े रसूखदारों को करोड़ों रुपये की राहत देना दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि बैंक ने नीलामी की प्रक्रिया अपनाई होती तो होटल संपत्ति से दोगुनी राशि भी प्राप्त हो सकती थी।

राजपूत महासभा ने सरकार से मांग की है कि—

इस लोन माफी को तुरंत निरस्त किया जाए।

पूरे प्रकरण की निष्पक्ष व उच्च स्तरीय जांच हो।

दोषी अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों को उजागर कर सख्त कार्रवाई की जाए।

पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में पारदर्शी जांच नहीं हुई, तो राजपूत महासभा जनहित में व्यापक आंदोलन छेड़ने को बाध्य होगी।

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