*पालमपुर का मुख्य बाजार अंधेरे में, 2-4 स्ट्रीट लाइटें नाकाफी — दुकानदार बोले, हर शटर पर चाहिए रौशनी*।
लोगों का कहना है कि “बने रहो पगला, काम करेगा अगला” कहकर अगर नगर निगम ऐसे ही आंखें मूंदे बैठा रहा तो आने वाले दिनों में शहर के हालात और खराब हो जाएंगे। पालमपुर को अब अंधेरे से निकालने और उजाला लौटाने की जिम्मेदारी प्रशासन को ही निभानी होगी।
 
						
पालमपुर का मुख्य बाजार अंधेरे में, 2-4 स्ट्रीट लाइटें नाकाफी — दुकानदार बोले, हर शटर पर चाहिए रौशनी। Tricity Times News

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पालमपुर :-पालमपुर शहर का मुख्य बाजार इन दिनों घने अंधेरे में रहता है। नगर निगम ने कुछ ही स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं, जो आधा किलोमीटर लंबे मुख्य बाजार के लिए बहुत कम हैं। शाम होते ही सड़कों और गलियों में ऐसा अंधेरा छा जाता है कि दुकानों के बाहर हाथ तक नहीं दिखाई देता।
दुकानदारों का कहना है कि जहां दिन में बाजार चहल-पहल से भरा रहता है, वहीं रात होते ही ऐसा लगता है जैसे पूरा इलाका सुनसान हो गया हो। लोग बताते हैं कि मुख्य बाजार में कुछ लाइटें लगी जरूर हैं, लेकिन वे दूर-दूर लगाई गई हैं जिससे दुकानों तक रोशनी नहीं पहुंच पाती।
यह कोई पहली बार नहीं है जब इस मुद्दे को उठाया गया हो। ट्राई सिटी टाइम्स ने पहले भी इस विषय पर खबर प्रकाशित की थी, जिसमें अश्विनी वासुदेवा ने नगर निगम से सवाल किया था कि आखिर स्ट्रीट लाइटें क्यों नहीं लगाई जा रही हैं। निगम ने कुछ जगहों पर केवल चार छह लाइटें लगाकर काम पूरा मान लिया, जबकि पूरे बाजार में रोशनी की सख्त जरूरत है।
नगर निगम अधिकारी अक्सर कहते हैं कि चोरी रोकना पुलिस का काम है, लेकिन सवाल यह है कि शहर में अंधेरा न रहे और लाइटें ठीक रहें, यह जिम्मेदारी तो निगम की ही है। अगर शहर में रोशनी होगी तो चोरी जैसी घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है।
उधर संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव सोनी ने कहा कि शहर में पूरी तरह से पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी चाहिए और हर दुकान  के शटर को स्ट्रीट लाइट की रोशनी से कवर किया जाए, ताकि चोरों के मन में भी थोड़ा डर पैदा हो। उन्होंने नगर निगम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे आखिर कब तक कुंभकरण की नींद सोए रहेंगे। शहर में वैसे ही कारोबार मंदा चल रहा है, और अगर किसी दुकान में चोरी हो जाए तो व्यापारी की कमर टूट जाएगी।व्यापारियों का कहना है कि उनकी दुकानों में लाखों-करोड़ों का सामान रखा रहता है, लेकिन अंधेरे के कारण सुरक्षा का कोई भरोसा नहीं रहता। कई दुकानदारों ने अपने खर्चे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, मगर अंधेरे में वे भी बेअसर साबित हो रहे हैं। फुटेज धुंधली आती है और चोरों की पहचान मुश्किल हो जाती है।
व्यापारियम का मानना है कि अगर हर दुकान के शटर पर  स्ट्रीट लाइट की रोशनी जाएगी  तो बाजार में रोशनी बनी रहेगी और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। पुलिस गश्त करने वालों को भी निगरानी में आसानी होगी ।
व्यापार मंडल ने नगर निगम से आग्रह किया है कि अधिकारी खुद मौके पर जाकर स्थिति की गंभीरता को समझें। दिवाली जैसे त्योहारी मौसम में जहां शहर को चमकना चाहिए, वहां पालमपुर का बाजार अंधेरे में डूबा है। दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन और नगर निगम को मिलकर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पालमपुर को अंधेरे से निकालकर फिर से उजाले में लाया जा सके दुकानदारों को सुरक्षा प्रदान की जा सके उनके माल की हिफाजत हो सके।
शहर के व्यापारी अब नगर निगम से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे जल्द ही स्ट्रीट लाइटें ठीक करवाएंगे और बाजारों में रोशनी की व्यवस्था करेंगे। निगम अधिकारियों को पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर दुकानदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। अपनी जिम्मेदारी से भागना किसी समाधान का रास्ता नहीं है।





रोशन पालमपुर ही सुरक्षित पालमपुर बन सकता है।

 
				
 
						


